रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग के अंतर्गत एक पीएसयू, इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत स्थिति (प्रधानमंत्री संरक्षण कोष) निधि में 5 करोड़ रुपये दिए हैं. इसके साथ ही उर्वरक सीपीएसयू का योगदान 32 करोड़ रुपये हो गया है. इंडियन पोटाश लिमिटेड द्वारा किए गए योगदान की सराहना करते हुए, गौड़ा ने कहा कि इससे कोविड-19 महामारी के कारण भारत सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों को बल और समर्थन मिलेगा.
कर्मचारियों ने दिए एक दिन का वेतन
दो अलग-अलग ट्वीट्स में मंत्री ने अन्य सीपीएसयू,नेशनल फर्टिलाइज़र लिमिटेड (एनएफएल) और फ़र्टिलाइज़र एंड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड (एफएसीटी) के कर्मचारियों द्वारा एक दिन का वेतन क्रमशः 88 लाख रुपये और 50 लाख रुपये देने के लिए उनकी सराहना की.
प्रधानमंत्री संरक्षण कोष को मिला इतना योगदान
उर्वरक विभाग के अनेक अन्य सार्वजनिक उपक्रमों जैसे इफको, कृभको और एनएफएल-किसान ने भी प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में 27 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है. गौड़ा ने अपने मंत्रालय के अंतर्गत लाभ कमा रहे सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों से आग्रह किया है कि वे अपने सीएसआर फंड का कुछ हिस्सा (प्रधानमंत्री संरक्षण कोष) दान करें. सभी सार्वजनिक उपक्रमों के सीएमडी को भेजे गए एक पत्र में, गौड़ा ने कहा, सरकार कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, फिर भी एक सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थिति के लिए समाज के सभी वर्गों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता होती है, इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप अपने सीएसआर बजट की अधिकतम संभव राशि प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में दें.
उन्होंने कहा, सरकार ने किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति जैसे कोविड-19 महामारी से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री संरक्षण कोष की स्थापना की है और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इस कोष में दी जाने वाली कोई भी धनराशि कंपनी अधिनियम 2013 के तहत सीएसआर व्यय मानी जाएगी.
Share your comments