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कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी

हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर ने किसानों को खेतीबाड़ी के दौरान सहायता प्रदान करने हेतु एडवाइजरी जारी की है. यह एडवाइजरी आगामी 5 सितंबर तक के लिए प्रभावी रहेगी. अगर किसान भाई इस एडवाइजरी के अनरूप खेती करते हैं, तो उन्हें अच्छी उपज प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी. आगे विस्तार से जानिएं आखिर इस एडवाइजरी में किसानों को सहूलियतें प्रदान करने के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं.

सचिन कुमार
ICAR
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हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर ने किसानों को खेतीबाड़ी के दौरान सहायता प्रदान करने हेतु एडवाइजरी जारी की है. यह एडवाइजरी आगामी 5 सितंबर तक के लिए प्रभावी रहेगी. अगर किसान भाई इस एडवाइजरी के अनरूप खेती करते हैं, तो उन्हें अच्छी उपज प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी. आगे विस्तार से जानिएं  आखिर इस एडवाइजरी में किसानों को सहूलियतें प्रदान करने के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं.

क्या है यह एडवाइरी

 पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले सामने आ रहे है, जिसको ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों भाइयों को तुड़ाई, बुवाई और बिजाई के दौरान मास्क लगाने का सुझाव दिया है. यह उन्हें संक्रमण समेत अन्य समस्याओं से निजात दिलाने में उपयोगी साबित हो सकता है. वहीं, आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए किसानों को साफ कहा गया है कि वे कीटनाशक समेत अन्य पदार्थों का सावधानी से उपयोग करें, क्योंकि इस दौरान उनकी फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है.

अमूमन, इस मौसम में फसलों को आभासी कंड रोग  होने की संभावना बढ़ जाती है. इससे धान फूल जाता है. इसकी रोकथाम के लिए किसान भाई ब्लाइटोक्स की 500 ग्राम मात्रा का प्रति एकड़ की दर से आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें. इसके इतर इस एडवाइजरी में किसानों के लिए इस मौसम में कौन-सी फसल की बुवाई उपयुक्त रहेगी. इसके बारे में पूरे विस्तार से बताया गया है.

इन फसलों की कर सकते हैं बुवाई

 कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसान भाई निम्नलिखित फसलों की बुवाई कर सकते हैं.

  • इस मौसम में किसान बेबी कॉर्न की बुवाई कर सकते हैं.
  • इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई कर सकते हैं.
  • बुवाई से पूर्व बीज को केप्टान 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें.
  • खेत में देशी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें.
  • गाजर की बुवाई मशीन द्वारा करने से प्रति एकड़ 1 किलोग्राम बीजों की आवश्यकता होती है. जिससे बीज की बचत तथा उत्पाद की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है.

कीटों से ऐसे करें बचाव

 अक्सर किसानों की फसलों को कीटों से खतरा होता है. खासकर, इस मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है. ऐसे में किसान भाइयों को अपनी फसलों को कीटों से बचाने के लिए कुछ तरीकों का इस्तेमाल करना होगा. जैसे, प्लास्टिक टब या किसी बर्तन में पानी और कीटनाशक मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात के समय खेत में रख दें. प्रकाश से कीट आकर्षित होकर जल में घुलकर मर जाएंगे. इस तरह से किसान फसलों को कीटों के प्रकोप से बचा सकते हैं.

किसान भाइयों आपको फसलों को कीटों से बचाने की यह पूरी प्रक्रिया कैसी लगी. हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और कृषि क्षेत्र से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण हिंदी .कॉम

English Summary: Indian Council of Agricultural Research issued advisory for the convenience of farmers Published on: 01 September 2021, 08:08 PM IST

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