पिंक बॉलवार्म की वजह से सारे किसान चिंता से ग्रस्त है। आपको बता दें की पिंक बॉलवार्म एक ऐसा कीड़ा है जो कपास की फ़सल को बर्बाद करता है। महाराष्ट्र में किसानो और ट्रेडर्स को चिंता सता रही है कपास की फसल की। क्योंकि इंटरनेशनल और घरेलु व्यापार में कपास की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ रही है ऐसे में पिंक बॉलवार्म नामक कीड़े की वजह से कपास के उत्पादन में कोई कमी न आये।
खांडेश गिनिंग एंड प्रेसिंग एसोसिएशन के प्रेजिडेंट प्रदीप जैन का कहना है कि हमने कहा था किसानो से की कपास और उसके बीजो की कीमत बहुत अच्छी हो सकती है । हालाँकि इसके एरिया में कम से कम दस प्रतिशत तक की गिरवाट आ सकती है। इसी पर शेतकारी संगठन के प्रेजिडेंट अनिल घानवत का कहना है की, इसके लिए राज्य सरकार ज़िम्मेदार है क्योंकि राज्य सरकार ने किसानो को पिंक बॉलवार्म के लिए जागरूक नहीं किया। अनिल घानवत ने कहा है की किसानो को नहीं बताया गया कि पिंक बॉलवार्म से बचने के लिए क्या कदम उठाये जाने चाहिए।
पिंक बॉलवार्म से बचने के तरीके
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स के अनुसार कपास की फसल को खत्म कर दो महीने तक खेत को खाली रखने की सलाह दी क्योंकि एग्रीकल्चर एक्सपर्ट की माने तो यह कीड़ा केवल कपास में ही जीवित रह सकता है , खाली खेतो में यह कीड़ा मर जाता है। शेतकारी संगठन के प्रेजिडेंट अनिल घानवत का कहना है की गुजरात सरकार ने इस समस्या का समाधान करते हुए पिंक बॉलवार्म को ख़त्म किया है। प्रदीप जैन ने कहा कि अप्रैल और मई इन दो महीने ज्यादा फसल रखने से किसानो को लगभग दस हज़ार रुपए ज्यादा आय होती है ऐसे में किसानो को फसल हटाने के लिए मानना मुश्किल हो जाता है।
कपास की मांग
रेटिंग एजेंसी इकरा का कहना है कि जीएसटी और नोटबंदी के कारण कपास की मांग कम हुई थी लेकिन अब एक बार फिर से कपास की डिमांड बढ़ने लगी है। रेटिंग एजेंसी की माने तो कपास की बढ़ती मांग की संभावनाओं को देखते इसकी कीमत बढ़ सकती है।
वर्षा
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