छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के 96 तहसीलों को इस बार सूखा घोषित किया गया है. सिंचाई के साथ साथ अभी से ही पूरे प्रदेश में जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. राज्य सरकार के निर्देश के बाद इस बार प्रदेश के किसानों को रवि फसल में धान की पैदावार नहीं लेने अपील की गई है. इसी कड़ी में रायपुर जिले के किसानों को भी पानी का दुरुपयोग न करने की अपील की गई है.
वहीं जल संकट से उबरने के लिए अब नदी-नालों में बंधान और डबरी निर्माण के साथ साथ गांवों में कुआं खोदने का काम किया जाएगा. प्रदेश में कम वर्षा होने के कारण इस बार रायपुर जिले में अभी से ही जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. बता दें कि जिले के किसान रवि फसल में धान की खेती करते हैं. इन फसलों में पानी की खपत सबसे ज्यादा होती है.
जिले के साथ साथ प्रदेश के किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और कृषि वैज्ञानिकों को सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए धान की फसल किसान न ले. वहीं किसान चाहते हैं कि उनके गांवों में कुआं खोदे जाए ताकि जल स्तर बढ़ सके. जिला पंचायत के सीईओ निलेश क्षीरसागर ने कहा कि कृषि विभाग और जिला पंचायत मिलकर जल संग्रहण का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि 2000 नालाओं को चिन्हांकित कर नाला बंधान का काम किया गया है. दस एकड़ तक के सिमांत किसानों के लिए निजी डबरी बनवाने की योजना भी बनाई जा रही है. साथ ही गांव-गांव में कुआं खोदने सरकार योजना बना रही है.
गौरतलब है कि 96 तहसील में कम पानी गिरने की वजह से जल संकट का खतरा गहरा रहा है. इसकी चिंता अब शासन प्रशासन को होने लगी है.
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