फतेहपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, चित्रकूट और कौशाम्बी के जिले के लिए मौसम विभाग ने जरूरी सलाह दी है. वह मौसम को देखते हुए अपनी फसल का इस तरह से ध्यान रखें. हालांकि इस सीजन में राज्य में थोड़ी कम बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग ने सलाह दी है कि किसान खड़ी फसलों से अत्यधिक बारिश का पानी निकाल दें. धान की फसल में वर्षा न होने पर 6-7 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें, क्योंकि धान की फसलों के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है. तो वहीं मक्के की फसल में बेहतर उपज के लिए फूल आने के समय पर्याप्त नमी बनाए रखें.
दलहन जैसे हरे चने और उड़द की फसल को 12-15 किग्रा/हेक्टेयर की दर से बोयें और बुवाई से पहले बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें. अत्यधिक वर्षा जल को खड़े रहने से बाहर निकाल दें. इसके अलावा सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए अलाक्लोर 50 ईसी 4 लीटर/हेक्टेयर को 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
सब्जियों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने सलाह दी है कि बरसात के मौसम में चौलाई की बुवाई इस महीने में 2-3 किलो/हेक्टेयर की दर से करें. इसके अलावा शिमला मिर्च, मिर्च और फूलगोभी की बुवाई की बुवाई के लिए यह समय अच्छा है.
फलों के बाग लगाने का सही समय
फलों के बाग लगाने के लिए यह समय बेहद अच्छा है. मौसम विभाग की मानें, तो आम, अमरूद, लीची, आंवला, कटहल, नींबू, बेर, केला और पपीते के नए बाग लगाने का समय आ गया है. इसके अलावा एफिड्स से बचाव के लिए आंवला के बाग में मोनोक्रोटोफॉस 0.04% का छिड़काव करें.
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पशुओं के लिए जरूरी सलाह
मौसम विभाग ने कहा है कि दिन के समय पशुओं को छायादार स्थान या पेड़ की छाया में बांध दें. पशुओं को हरा और सूखा चारा के साथ पर्याप्त मात्रा में अनाज दें. पशुओं को दिन में 3-4 बार साफ और ताजा पानी देना चाहिए, जिससे पशुओं के शरीर में पानी की कमी ना हो. मुर्गी को नमी से बचाएं और उचित रोशनी प्रदान करें और बर्तनों की धूल और गंदगी को साफ करें.
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