आयुर्वेद कहता है कि सर्दी के मौसम में दालचीनी, केसर, जायफल और अन्य मसाले खाना फायदेमंद होता है, क्योंकि ये हमें गर्म रखते हैं और बैक्टीरिया से होने वाली कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि मांग और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को बनाए रखने के लिए बाजार सहभागी इन मसालों में मिलावट कर रहे हैं. उपभोक्ताओं के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि हम खाद्य अपमिश्रण (Food Adulteration )के परिणामों को समझें और ऐसे उत्पादों को अस्वीकार करें.
औसत व्यक्ति के लिए इसे आसान बनाने के लिए, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने #DetectingFoodAdulterants नामक एक ट्विटर अभियान शुरू किया है. इसके तहत हर हफ्ते वे एक त्वरित परीक्षण Quick Test) साझा करते हैं, जिससे आप यह जांचने की कोशिश कर सकते हैं कि आपका भोजन मिलावटी है या नहीं. इस सप्ताह, उन्होंने केसर में मक्के की सिल की सूखी लट का पता लगाने के तरीके पर एक परीक्षण वीडियो साझा किया है.
मक्का कोब के सेवन के परिणाम (Consequences of consuming Maize Cob)
जानकारों की मानें, तो मक्के की सिल खाने से पेट खराब, सूजन, गैस और डायरिया हो सकता है. इसमें फाइटिक एसिड की ट्रेस मात्रा होती है, जो शरीर में खनिज अवशोषण (Mineral Absorption ) को रोक सकती है.
केसर में मिलावट का पता कैसे लगाएं (How to detect adulteration in saffron)
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एक कांच के जार को आधा गर्म पानी (70-80 डिग्री) से भरें.
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केसर की कुछ लटों को उसमें डालें.
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मिलावटी केसर धीरे-धीरे पानी में अपना विशिष्ट केसर रंग छोड़ देगा.
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मिलावटी केसर तुरंत पानी को रंग देगा.
अध्ययनों के अनुसार, खाद्य अपमिश्रण (Food Adulteration ) इतने जहरीले होते हैं कि वे दिल की विफलता (Heart Fail), गुर्दा विकार और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
जहरीले मिलावटों से सावधान रहें, और अब आप चावल, हल्दी, काली मिर्च और चीनी जैसे खाद्य पदार्थों में घर पर ही मिलावट का पता लगा सकते हैं.
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