कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की सलाहकार समिति को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी ने खाद्न्न, बागवानी, फसलों, दूध, मछली और अंडे के उत्पादन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सलाहकार समिति को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी को दुगना करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट-अप मिशन को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि आईसीएआर ने कृषि के क्षेत्र में नए आयामों को जोड़ा है जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के शानदार अवसर को प्रदान करेगा। इन योजनाओं से किसानों को काफी फायदा भी होगा।
किसानों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि इस दिशा में उद्यमियता विकास कार्यक्रमों के तहत कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों और तकनीक संसाधनों के समर्थन में कृषि विज्ञान केंद्रों ने किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न स्तर पर उनके सुधार के लिए कई तरह के कदमों को उठाया है।
ग्रामीणों के लिए चल रहे कईं कार्यक्रम
केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने आगे बताया कि, ग्रामीण शिक्षित युवाओं को कृषि के क्षेत्र में आकर्षित करने की दिशा में आर्या योजाना प्रभावी सिद्ध हो रही है. साथ ही साथ ग्रामीण उद्यमिता जागरुकता विकास योजना कार्यक्रम के तहत कृषि और संबद्ध विषयों पर स्नातक कार्यक्रम शुरू किया गया है. इधर आईसीएआर प्रौद्योगिकियों ने उपलब्ध बुनियादी ढांचे और संस्थानों की मुख्य योग्यता के स्पेक्ट्रम को ध्यान में रखते हुए 25 कृषि-व्यापार ऊष्मायन (एबीआई) केंद्रों का एक नेटवर्क भी स्थापित किया गया है. इन केंद्रों के प्रयासों के कारण नए-नए स्टार्ट-अप मार्केट में आ रहे हैं।
बता दें कि इन सभी प्रयासों से उत्साहित उद्यमियों/स्टार्ट-अप करने वालों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया है. मंत्री राधा मोहन सिंह ने कार्यक्रमों और गतिविधियों के सफल कार्यान्वयन के लिए कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों के सुझावों और समर्थन की उम्मीद रखते हुए इसकी सफलता की कामना की.
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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