किसान फसलों की सिंचाई और खेती में पानी की मात्रा को लेकर अक्सर संशय में रहते हैं. किसानों की इन परिस्थितियों से निपटने के लिए आईसीएआर गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर की तरफ से एक ऐसी मशीन तैयार की गई है, जो खेतों में कितनी नमी है, इस बारे में जानकारी देगी. जिसकी कीमत प्रति यूनिट 1500 रुपये है.
असम की टी फैक्ट्री पर लगेगा ताला
असम, भारत का वो राज्य है जहां पर चाय का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. लेकिन अब राज्य की बॉट लीफ फैक्ट्रीज पर ताला लगने वाला है. ये फैक्ट्रीज, असम के कई जिलों में फैली हुई हैं. बताया जा रहा है कि टी बोर्ड की तरफ से बेहतरीन हरी चाय पत्तियों का उत्पादन न होने की वजह से यह कदम उठाने का फैसला लिया गया है.
किसानों को होगा सीधा फायदा
योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि की सब्सिडियरी कंपनी ने असम, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में पाम आयल के बागान शुरू करने की योजना बनाई है. ये बागान किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से स्थापित किए जाएंगे. जिससे किसानों को सीधा फायदा होगा.
कृषि छात्रों को करना होगा 5 अगस्त से पहले आवेदन
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा में विभिन्न स्नातकोत्तर कोर्सों में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा 28 अगस्त और 19 सितंबर को ऑफलाइन माध्यम से आयोजित की जाएगी. लेकिन कृषि छात्रों को 5 अगस्त से पहले प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
मौसम, दामिनी और मेघदूत ऐप से मिलेगी सटीक जानकारी
किसानों की सहूलियत के लिए मौसम विभाग ने दामिनी, मौसम और मेघदूत ऐप लॉन्च किया है. जिसके जरिए किसान बारिश से लेकर बिजली चमकने तक की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. साथ ही किसान इन ऐप का प्रयोग करके मौसम को ध्यान में रखकर फसलों की कटाई और बुआई भी कर सकेंगे. तो वहीं इस संबंध में मौसम विभाग के Director General Dr. Mrutyunjay Mohapatra ने कृषि जागरण से इन ऐप के बारे में क्या कुछ कहा आइए जानते हैं....
दिल्ली के किसानों पर मंडराया रोजी-रोटी का खतरा
दिल्ली में यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान पर बह रही है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से जमीन में कटाव हो रहा है. इससे उन किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जो यमुना खादर इलाके में लीज पर जमीन लेकर खेती करते हैं. ऐसे में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की 300 से 400 बीघा जमीन पानी में बह गई है.
जम्मू-कश्मीर के किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग से हो रहा मुनाफा
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में किसान ऑर्गेनिक खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों के गरीब किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं. केरी सीमावर्ती क्षेत्रों के किसान ऑर्गेनिक सब्जियों का व्यवसाय कर घर-घर जाकर ऑर्गेनिक सब्जियां बेच रहे हैं.
गेहूं की नई किस्म को सरकार से मिली मान्यता
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के किसान नरेंद्र सिंह मेहरा की कई साल की मेहनत रंग लायी है. दरअसल गेहूं की नई किस्म विकसित करने वाले किसान नरेंद्र सिंह मेहरा को भारत सरकार की तरफ से मान्यता मिल गई है, बता दें कि इसका ट्रायल उत्तराखंड से लेकर राजस्थान तक किया गया है और हर जगह इसे अच्छे परिणाम मिले हैं.
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