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हाइब्रिड तकनीक से कृषि में होगा सुधार, मक्का किसानों को मिलेगा दोगुना उत्पादन

हाइब्रिड तकनीक कृषि के विकास में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. मक्का, कपास और अन्य फसलों में इसका इस्तेमाल न केवल उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि किसानों की आय और जलवायु चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद करेगा. सरकारी योजनाएं और प्रयास इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं...

लोकेश निरवाल
मक्का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूम‍िका न‍िभा सकती है हाईब्रिड तकनीक, पीएम के प्रधान सच‍िव ने भी की वकालत
मक्का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूम‍िका न‍िभा सकती है हाईब्रिड तकनीक, पीएम के प्रधान सच‍िव ने भी की वकालत

कृषि में सुधार लाने के लिए हाइब्रिड तकनीक का सबसे बड़ा योगदान हो सकता है. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने कहा कि कृषि की उत्पादकता और पोषण को बढ़ाने के साथ-साथ जलवायु जोखिमों का सामना करने में हाइब्रिड तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने बताया कि मक्का और कपास जैसी फसलों में हाइब्रिड तकनीक ने उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद की है. हालांकि, मक्का, बाजरा और कपास के अलावा अन्य फसलों में हाइब्रिड किस्मों का अभी तक व्यापक विस्तार नहीं हो सका है. इसके विपरीत, सब्जियों और बागवानी फसलों में हाइब्रिड किस्मों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.

हाइब्रिड तकनीक की जरूरत पर बल

नई दिल्ली के नास कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम में मिश्रा ने हाइब्रिड तकनीक की उपयोगिता और उससे जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की. यह कार्यक्रम ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (TAAS) द्वारा आयोजित किया गया था. मिश्रा ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि किसान कुछ हाइब्रिड किस्मों को क्यों नहीं अपनाते हैं. उन्होंने जोर दिया कि दलहन और तिलहन की पैदावार बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए हाइब्रिड तकनीक को अपनाना आवश्यक है.

उन्होंने यह भी कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या अधिक होने और खेती की जोत छोटी होने के कारण हाइब्रिड तकनीक को तेजी से अपनाने की जरूरत है. इससे किसानों को बेहतर उपज और आय के अवसर मिल सकते हैं.

मक्का की बढ़ती मांग

मिश्रा ने मक्का की बढ़ती मांग पर भी चर्चा की. मक्का अब न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए बल्कि पोल्ट्री फीड और इथेनॉल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. गन्ना और चावल से भी इथेनॉल तैयार किया जाता है, लेकिन इन फसलों की तुलना में मक्का की खेती में पानी कम खर्च होता है. यही कारण है कि सरकार मक्का के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही है.

सरकार ने "इथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि" नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) को दी गई है, जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत काम करता है.

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हाइब्रिड बीजों की अहमियत

आईआईएमआर के निदेशक डॉ. हनुमान सहाय जाट ने बताया कि मक्का का उत्पादन बढ़ाने के लिए न केवल खेती का क्षेत्र बढ़ाना होगा, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीजों का भी इस्तेमाल करना होगा. उन्होंने कहा कि हाइब्रिड तकनीक का अधिक उपयोग करके मक्का उत्पादन को काफी बढ़ाया जा सकता है.

डॉ. जाट ने बताया कि सरकार चाहती है कि निजी क्षेत्र की कंपनियां उत्तरी क्षेत्र में हाइब्रिड बीज उत्पादन की संभावनाओं पर काम करें. यह फसल विविधीकरण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत धान के विकल्प के रूप में मक्का की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

English Summary: Hybrid technology role in increasing maize production Published on: 09 January 2025, 03:44 PM IST

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