अब अन्य पाठ्यक्रमों की तर्ज पर कृषि पाठ्यक्रमों को भी हाईटेक बनाया जाएगा। इस नये पाठ्यक्रम को नये शिक्षा सत्र से ही लागू करने का फैसला लिया गया है। बढ़ती जरूरतों और बदलते परिवेश के साथ खाद्य सुरक्षा बनाए रखने की गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि शिक्षा में इस मुख्य परिवर्तन के मसौदे को सरकार ने मंजूरी दे दी है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि सिफारिशों को सरकार ने अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञात हो कि घरेलू जरूरतों के हिसाब से कृषि विषय से स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों की भारी कमी है। पुराने पड़ चुके पाठ्यक्रमों के चलते आवश्यकता के हिसाब से कृषि शिक्षा में योग्य और कुशल मानव संसाधन की भी भारी कमी है। कहा जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन के साथ बदलती खेती जैसी चुनौतियों के बीच इसकी महती आवश्यकता थी जिसे सरकार ने समय रहते पूरा किया है।सूत्रों के मुताबिक, कृषि शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी, एग्री बिजनेस, जैव सूचना, रिमोट सेंसिंग और सटीक सूचना के साथ हाईटेक खेती को शामिल किया गया है। पाठ्यक्रम में स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया को समन्वय के साथ शामिल किया गया है।
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