राजधानी दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ फसलों पर काल बनकर टूटा है. कई जगहों पर दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ आई बरसात और ओलावृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
आसमान से लगातार करीब 2 घंटे बेर के आकार के ओले गिरते रहे, जिससे खेतों में लहलहाती खड़ी जौ, गेहूं, सरसों और चने की फसल को भीषण नुकसान हुआ है. भारी ओलावृष्टि और बारिश के कारण एक तरफ जहां फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं ग्रामीण जीवनशैली भी चरमरा सी गई है. अधिकतर घरों में बिजली गुल है और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है.
जयपुर एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में तो किसानों की पूरी मेहनत बेकार हो गई है. ज़िले के चाकसू उपखंड क्षेत्र में किसानों की आंखों से आंसू छलक रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बरसात इतनी तेज गति से हुई की फसलों को बचाने का समय ही नहीं मिला. यहां करीब 30 मिनट तक हुई ओलावृष्टि ने बर्फ की तरह किसानों की उम्मीदों को भी ठंडा कर दिया. फिलहाल क्षेत्र के किसान सरकार से आर्थिक मदद की अपेक्षा कर रहे हैं.
भारी तादाद में पंक्षियों की मौत
भीषण ओलावृष्टि और बारिश पंक्षियों के लिए भी काल बनी हुई है. आसमान से लगातार ओले की बरसात ने सैकड़ों पंक्षियों के अंडों को नष्ट कर दिया है.
सचेत रहने की आवश्यकता
मौसम विभाग की मानें तो अभी भी संकट टला नहीं है. आने वाले कुछ दिनों में 16 मिमी तक की बारिश एक बार फिर हो सकती है. ऐसे में किसानों को पानी निकासी की तैयारी रखनी चाहिए. विशेषकर अगले 48 घंटे खतरे से भरे हुए हैं. इस दौरान दिल्ली समेत उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बरसात और ओलावृष्टि की प्रबल संभावना है.
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