जैसे कि आप सब लोग जानते हैं कि भारत सरकार ने आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है. देशभर में यह प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी भी हो गई है. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की थी.
बता दें कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी. इस याचिका की सुनवाई कोर्ट में आज की जानी है. आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करने की इस याचिका पर यमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ विचार करेगी.
नागरिकता के मौलिक अधिकार का हनन (Violation of fundamental right of citizenship)
आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करने के भारत सरकार के फैसले पर सुरजेवाला का कहना है कि लोगों के इलेक्ट्रॉनिक निर्वाचक फोटो पहचान कार्ड के डेटा को आधार में शामिल करना नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का हनन होगा. जो भारत के असंवैधानिक और संविधान (Unconstitutional and Constitution of India) के प्रतिकूल होगा. इसलिए सरकार को अपने इस फैसले पर विचार करना चाहिए और भारत सरकार अपने इस फैसले को रद्द करें.
डेटा का खतरा (Risk of data)
बता दें कि याचिका में बताया गया है कि आधार डेटा को इलेक्ट्रॉनिक वोटर फोटो पहचान कार्ड के डेटा के साथ शामिल करने पर डेटा का खतरा हो सकता है. क्योंकि यह दोनों पहचान कार्ड को लिंक करने पर व्यक्तिगत और निजी जानकारी एक वैधानिक प्राधिकरण सरलता से उपलब्ध होगा. जिसके तहत मतदाताओं को लोगों को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (प्रतिवादी संख्या 2) के सामने अपना आधार दिखाना जरूरी हो जाएगा.
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कांग्रेस के साथ अन्य पार्टियों ने भी किया विरोध
सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस नेता ने संसद के दोनों ही सदनों में जमकर विरोध किया. इस विरोध में डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और बसपा ने भी कांग्रेस का साथ दिया है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस व्यवस्था से गरीब मतदाताओं को बेहद नुकसान होगा और साथ ही कई लोगों की निजता के अधिकार का भी हनन होगा.
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