हरियाणा सरकार समय-समय पर किसानों के लिए खेती से जुड़ी राहत भरी सुविधाएं देती रहती है. इस बार हरियाणा सरकार ने ठेके पर जमीन लेने वाले काश्तकार को एक बड़ी राहत दी है. दरअसल, राज्य सरकार जल्द ही एक एक्ट में बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत ठेके पर जमीन लेने वाले काश्तकार भी लोन ले पाएंगे. इससे जमीन के मालिक को मलकियत का डर भी नहीं रहेगा.
आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में जिसके नाम जमीन है, उसी को लोन मिलता है. उसी को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है. मगर अब इस नियम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. आने वाले समय में ठेके पर जमीन लेने वाले काश्तकार भी लोन ले पाएंगे. बता दें कि अगर काश्तकार के नाम गिरदावरी हो जाए, तो जमीन मालिक को मलकियत का डर नहीं रहता है. इससे संबंधित एक एक्ट जल्द ही बनाया जाएगा. इससे किसान और काश्तकारों को लाभ मिल पाएगा.
कृषि के क्षेत्र में नजर डाली जाए, तो अधिकतर छोटे किसानों बड़े किसानों के खेत को ठेके पर लेकर खेती करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार के इस अहम फैसले से ठेके पर खेती करने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. इस कानून को बनाने का उद्देश्य होगा कि ठेके पर खेती करने वाले किसानों की स्थिति को मजबूत बनाया जाए. नया कानून आने के बाद ठेके पर खेती करने वाले किसानों को सीधे लोन मिल पाएगा. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी.
हाल ही में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है. इसके तहत मंडियों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेप करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इसके अलावा छोटे किसानों के ग्रुप को एक विशेष पैकेज दिया है, जिसके तहत फसलों की बिक्री अच्छे दामों पर की जाएगी. बता दें कि अभी राज्य में करीब 500 एफपीओ हैं, जिन्हें बढ़ाकर 1500 किया जाएगा.
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इसके अलावा मोदी सरकार ने पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का पैकेज रखा है. इससे राज्य के मछली पालकों को काफी लाभ मिलेगा. जानकारी मिली है कि राज्य में औद्योगिक विकास की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए करीब 22 जिलों में कलस्टर बनाए गए हैं. इसके साथ ही एमएसएमई सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार की तरफ से 3 लाख करोड़ रुपए का पैकेज रखा गया है. बता दें कि देशभर में अभी भी कोरोना संकट का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य का प्रयास है कि किसानों को खेती में कोई समस्या न हो. मौजूदा स्थिति में कृषि क्षेत्र ने देश की अर्थव्यवस्था को काफी संभाल कर रखा है. ऐसे में सरकार कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
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