
किसानों की भलाई के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. राज्य सरकार के द्वारा रबी फसलों के औसत उत्पादन की सीमा में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है ताकि आर्थिक रूप कमजोर किसानों को उनकी फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी. यह फैसला रबी विपणन सीजन 2025-26 (Rabi Marketing Season 2025-26) से लागू होगा.
हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इससे न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा. ऐसे में आइए सरकार के इस फैसले के बारे बारे में विस्तार से जानते हैं...
किन फसलों पर लागू होगा फैसला?
हरियाणा सरकार का यह फैसला पांच प्रमुख फसलों पर लागू किया गया है:
- जौ की उत्पादन सीमा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 16 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है.
- चना का औसत उत्पादन 5 क्विंटल से बढ़ाकर 6 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया गया है.
- सूरजमुखी की उत्पादन सीमा 8 क्विंटल से 9 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है.
- गर्मी में पैदा होने वाली मूंग की उत्पादन सीमा 3 क्विंटल से बढ़ाकर 4 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है.
- मसूर की फसल की उत्पादन सीमा पहली बार तय की गई है, जो 4 क्विंटल प्रति एकड़ होगी.
किसानों की पुरानी मांग हुई पूरी
हरियाणा के किसान कई वर्षों से फसल उत्पादन सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 9 जनवरी 2025 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Haryana Agricultural University) में प्री-बजट चर्चा के दौरान किसानों से संवाद किया था. इस बैठक में किसानों ने अपनी समस्याएं और सुझाव रखे थे. किसानों की मांगों को सुनने के बाद सीएम ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
किसानों को होगा सीधा लाभ
- फसल उत्पादन सीमा बढ़ने से किसान अपनी पूरी उपज बेच सकेंगे.
- किसानों को फसल खरीद में किसी तरह की कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा.
- राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है.
- बजट 2025 में किसानों के लिए विशेष पैकेज भी लाया जाएगा.
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