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सरकार की बड़ी सौगात! किसानों के लिए 80% सब्सिडी, बोनस और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, जानें कैसे

हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभकारी बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. प्राकृतिक खेती, एफपीओ, कृषि यंत्रीकरण, पराली प्रबंधन और एग्रो टूरिज्म जैसी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं. सरकार की इन पहलों से राज्य के किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे और खेती एक फायदेमंद व्यवसाय बन सकेगी.

लोकेश निरवाल
Parali Management
किसानों के लिए हरियाणा सरकार की योजनाएं: आय बढ़ाने और कृषि को लाभकारी बनाने की पहल (Image Source: Freepik)

Subsidy Schemes:  किसानों की आय बढ़ाने और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई योजनाएं ला रही हैं. इसी दिशा में हरियाणा सरकार ने भी कई अहम कदम उठाए हैं. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और आधुनिक खेती को बढ़ावा देना है.

वही, राज्य सरकार के द्वारा किसानों की सहायता करने के लिए प्राकृतकि खेती, गाय खरीदने और कृषि यंत्रों पर 50% से 80% सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवा रही है. इसके लिए राज्य के किसानों को योजना से जुड़े कुछ पात्रतों को पूरा करना होगा. आइए इनके बारे में यहां जानते हैं...

1. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

हरियाणा सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. प्राकृतिक खेती से न केवल मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.

  • प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों को एक देशी गाय खरीदने पर 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. राज्य सरकार के द्वारा इस राशि को जल्द ही 30,000 रुपए प्रति गाय तक बढ़ाया जाएगा.
  • राज्य में कुरुक्षेत्र, करनाल, सिरसा और मंगियाना में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं, जहां किसानों को आधुनिक और टिकाऊ खेती के गुर सिखाए जाते हैं.

2. कृषि यंत्रीकरण और सब्सिडी

कृषि कार्यों को आसान बनाने और किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने कृषि यंत्रीकरण (Agricultural Mechanization) को बढ़ावा दिया है.

  • किसानों को कृषि यंत्रों पर 50% से 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है.
  • अब तक 1,00,882 कृषि यंत्रों का वितरण किया जा चुका है.
  • कृषि यंत्रों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS), हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर और पैडी स्ट्रा चोपर जैसे उपकरण शामिल हैं.

3. पराली प्रबंधन और वित्तीय सहायता

पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी दे रही है.

  • धान के अवशेष प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है.
  • "मेरा पानी, मेरी विरासत" योजना के तहत धान की जगह दूसरी फसलें उगाने पर 7,000 रुपए प्रति एकड़ तक की मदद दी जा रही है.
  • सीधी बुवाई विधि (Direct Seeding of Rice - DSR) अपनाने वाले किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी मिल रही है.
  • पराली जलाने से रोकने के लिए रेड जोन पंचायतों को 1,00,000 रुपए तक का प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

4. कृषक उत्पादक संगठन (FPO) और एग्रो टूरिज्म

सरकार किसानों को किसान उत्पादक संगठनों (FPO) से जोड़कर उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने की योजना बना रही है.

  • एफपीओ से जुड़े किसानों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा.
  • एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देकर ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने और किसानों को अतिरिक्त आमदनी देने की योजना बनाई जा रही है.

गेहूं और धान उपार्जन पर बोनस

हरियाणा सरकार ने हाल ही में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं उपार्जन पर बोनस देने की घोषणा की है. राज्य के किसानों को गेहूं पर 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस मिलेगा. इस वर्ष गेहूं की खरीद 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होगी, जिसमें MSP 2425 रुपए + 175 रुपए बोनस शामिल है. साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2024 में धान बेचने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

English Summary: Haryana government farming schemes subsidy bonus natural farming Published on: 11 March 2025, 11:36 AM IST

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