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Shining mushroom: इस मशरूम की हर तरफ चर्चा, रात में बल्ब की तरह क्यों चमकती है हरे रंग ये मशरूम?

मशरूम एक प्रकार की फंगस (Fungus) ही है. जिसकी दुनिया में सेकड़ों प्रजातियां है, लेकिन भारत में एक ऐसी मशरूम देखी गई है जो इस समय चर्चा का विषय बनी है. पूर्वोत्तर भारत (north-east India)के मेघालय राज्य में हरे रंग की रोशनी से जगमगाने वाली मशरूम पाई गई है.

हेमन्त वर्मा
Mushroom

मशरूम एक प्रकार की फंगस (Fungus) ही है. जिसकी दुनिया में सेकड़ों प्रजातियां है, लेकिन भारत में एक ऐसी मशरूम देखी गई है जो इस समय चर्चा का विषय बनी है. पूर्वोत्तर भारत (north-east India)के मेघालय राज्य में हरे रंग की रोशनी से जगमगाने वाली मशरूम पाई गई है. ये रहस्यमयमशरूम इतनी लोकप्रिय हो रहा है किसोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है. यह हरे रंग की रोशनी वाली मशरूम एक रॉरीडोमाइसीज़ फिलेस्टाचीडस प्रजाति की है. हरे रंग की रोशनी से जगमगाते हुए मशरूम को पहली बार मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स जिले में एक झरने के पास देखा गया. इस मशरूम को यहां बायोल्युमिनेसेंट कहते हैं. दुनियाभर में ऐसे चमकने वाले बायोल्युमिनेसेंट मशरूम की अब तक 97 प्रजातियां मिली हैं. 

मशरूम के चमकने काक्या हैरहस्य (The secret of mushroom shine)

इन मशरूम में प्रकाश बिखेरने का कारण इनके त्वचा में मौजूद ल्युसीफेरेज एंजाइम है.इस एन्जाइम की कमी या अधिकता से प्रकाश बिखेरने की क्षमता निर्भर करती है. यह मशरूम बांस के जंगलों में बांस की जड़ों के पास उगती है.मशरूम पर उपस्थित मौजूद बीजाणु कीड़ों के द्वारा प्रसारित होते है और अपनी संख्या बढ़ाते हैं.मेघालय के अलावा इस प्रकार की मशरूम केरल और गोवा में भी दिखाई दी है.इन्हें जंगल में पनपने के लिए पर्याप्त नमी की जरूरत होती है.

Mushroom

कैसे हुई चमकने वाली मशरूम की खोज हुई (How was this shining mushroom discovered)

भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (North east area) में मशरूम से संबन्धित एक प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसकी वजह से लगभग 600 प्रकार की मशरूम प्रजातियां भी सामने आई हैं.नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में मशरूम की अलग-अलग प्रजातियों का पता लगाने के लिए बालीपुरा फाउंडेशन के साथ कुन्मिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बॉटनी (Kunming Institute of Botany) और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (Chinese Academy of Sciences) ने मिलकर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है.  

आपको बता दें कि इस चमकदार मशरूम की फोटो स्टीफेन एक्सफोर्ड (Stephen Axford) ने ली है.इस प्रोजेक्ट से जुड़े फोटोग्राफर स्टीफेन एक्सफोर्ड 15 सालों से मशरूम पर काम कर रहे हैं. स्टीफेन बताते है कि यह मशरूम बांस के पेड़ पर उगती है इसलिए इसका नाम बांस से जोड़ा गया है.रात के अंधेरे में जब वैज्ञानिकों की टीम मेघालय केखासी हिल्स के जंगलों में पहुंची तो हैरान कर देने वाली मशरूम देखी गई.रात के अंधेरे में यह मशरूम हल्के नीले-हरे और बैंगनी रंग में चमक रही थी लेकिन यह मशरूम दिन के समय साधारण मशरूम जैसे ही दिखाई देती है.

English Summary: Green light mystical mushroom Published on: 25 November 2020, 11:50 AM IST

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