1. Home
  2. ख़बरें

Green Cremation System: हरित शवदाह प्रणाली से होगा दाह संस्कार, 60 प्रतिशत लकड़ी की होगी बचत

यह प्रणाली भारत सरकार की सहायता से उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में शुरू की गई है. इस प्रणाली के माध्यम से प्रदेश में बढ़ रही कार्बन की मात्रा को कम करने के प्रयासों पर जोर दिया जायेगा.

प्रबोध अवस्थी
हरित शवदाह प्रणाली
हरित शवदाह प्रणाली

देश और प्रदेश को हराभरा बनाये रखने के लिए कई योजनाओं को संचालित कर रही है. इसी बीच अब उत्तरप्रदेश सरकार प्रदेश एक नई मुहिम शुरुआत कर रही है. इस मुहिम में श्मशान घाटों को ग्रीन क्रीमेशन सिस्टम में बदलने जा रही है. सरकार की इस योजना से पेड़ों की लकड़ी की लागत 60 प्रतिशत तक कम हो जाएगी. भारत सरकार के सहयोग से यह योजना वर्तमान में कई प्रदेशों में पहले से ही चालू की जा चुकी है. जिसमें हरिद्वार सबसे पहले स्थान पर है. अभी इस योजना की बात करें तो देश के 7 राज्यों में लगभग 54 यूनिट स्थापित की जा चुकी हैं.

ग्रीन क्रीमेशन सिस्टम क्या है?

इस प्रकार के दाह संस्कार में और परम्परागत दाह संस्कार में कोई भी ज्यादा अंतर नहीं है. इस प्रणाली में लाये गए शव को एक विशेष प्रकार के फ्रेम पर रखा जाता है. जिसके बाद इसे जलाया जाता है. लेकिन परम्परागत तरीके में हम शव को जमीन पर रख कर जलाते हैं.

शाहजहांपुर में शुरू हुई शवदाह प्रणाली

उत्तर प्रदेश अभी यह प्रणाली भारत सरकार की सहायता से प्रदेश के जिला  शाहजहांपुर में शुरू की गई है. इस प्रणाली के माध्यम से प्रदेश में बढ़ रही कार्बन की मात्रा को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही पेड़ों की हो रही कटाई में भी काफी हद तक कमिं को देखा जा सकता है. शाहजहांपुर में यह हरित शवदाह प्रणाली जिले के खान्नोट खाट, गर्रा नदी घाट और गौटिया स्थित मोक्ष धाम पर लगाया जा रहा है. इस प्रणाली के शुरू होने के बाद दाह संस्कार कराने आए लोगों की भी 3000 रुपये तक की बचत होगी. जिले के नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने के अनुसार हरित शवदाह प्रणाली को शहर के तीन श्मशान घाटों पर लगाए जाने का निर्णय हुआ है. जिसमें अभी एक का चयन निर्धारित हो चुका है.

आगरा में पहले ही शुरू हो चुकी है शुरू

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आगरा में इस ग्रीन क्रीमेशन सिस्टम बको पहले ही शुरू किया जा चुका है. लेकिन देख रेख न होने के कारण अभी यह बंद ही पड़ा हुआ है. आगरा में यह शुरुआत पर्यावरण संरक्षण के तहत शुरू की गई थी. वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ताज संरक्षण को देखते हुए इस योजना को लागू करने का आदेश दिया था. 

यह भी पढ़ें- 'लाल चावल' की खेती कर किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा, कीमत 250 रुपये किलो, जानें औषधीय गुण

लेकिन पूसाही रखरखाव न होने कारण यह बंद पड़ा हुआ है.

English Summary: Green Cremation System started in Uttar Pradesh, Shahjahanpur will save up to 60 percent wood Published on: 05 October 2023, 02:39 PM IST

Like this article?

Hey! I am प्रबोध अवस्थी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News