फसलों की अच्छी उपज के लिए उर्वरक और खाद एक अहम भूमिका निभाते हैं. बाज़ार में कई तरह के फर्टिलाइजर मिलते हैं, जो फसलों में इस्तेमाल किए जाते हैं. यह फर्टिलाइजर (Fertilizer) पौधों को सही पोषण और भोजन देते हैं
फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए एनपीके खाद का इस्तेमाल भी किया जाता है. एनपीके खाद में फॉस्फेट व पोटाश पाया जाता है. इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटाश ((P&K) उर्वरकों पर 28,655 करोड़ रुपए की शुद्ध सब्सिडी (subsidy) देने का ऐलान किया है. इससे किसानों को रबी फसलों की बुवाई के लिए सस्ती कीमतों पर फर्टिलाइजर उपलब्ध हो सकेंगे. बता दें कि रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर में शुरू हो जाती है.
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 की अवधि के लिए एनपी एंड के उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दे दी है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब किसान विधेयक के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
बढ़ सकता है बजट (Raising The Budget)
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए करीब 79,600 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और अतिरिक्त सब्सिडी के प्रावधान के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है.
ये भी हैं फैसले (These Are Also Decisions)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) (SBMU) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है. SBM-U 2.0 की लागत 1,41,600 करोड़ रुपये होगी, जो कि मिशन के पहले चरण से 2.5 गुना अधिक है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटल मिशन - अमृत 2.0 को 2025-26 तक मंजूरी दे दी है. अमृत 2.0 पर कुल 2,77,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. अमृत 2.0 का लक्ष्य सभी 4,378 वैधानिक कस्बों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करके जल आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज प्राप्त करना है. मिशन का लक्ष्य 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 2.64 करोड़ सीवर / सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करना है.
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