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निजी नलकूप लगाने पर सरकार देगी 35 हजार की सब्सिडी

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियां प्रयास कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 28 फ़रवरी 2016 को किसानों की एक रैली में सभी राज्यों से 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रयास करने को कहा था. इसके लिए कई राज्य प्रयास भी कर रहे हैं. गौरतलब है कि किसानों की आय बढाने के लिए जरुरी है उनके पास आधुनिक कृषि यंत्रों का होना. जो कंपनियां कृषि के बेहतर कृषि यंत्र बना रही है वो थोड़े महंगे होते है. जिस वजह से किसान उन यंत्रों को आसानी से नहीं खरीद पाता है. किसानों को ऐसी ही समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हमेशा से अनुदान देती आ रही है. इसी कड़ी में नीतीश सरकार की ओर से नलकूप लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है.

विवेक कुमार राय

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियां प्रयास कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 28 फ़रवरी 2016 को किसानों की एक रैली में सभी राज्यों से 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रयास करने को कहा था. इसके लिए कई राज्य प्रयास भी कर रहे हैं. गौरतलब है कि किसानों की आय बढाने के लिए जरुरी है उनके पास आधुनिक कृषि यंत्रों का होना. जो कंपनियां कृषि के बेहतर कृषि यंत्र बना रही है वो थोड़े महंगे होते है. जिस वजह से किसान उन यंत्रों को आसानी से नहीं खरीद पाता है. किसानों को ऐसी ही समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हमेशा से अनुदान देती आ रही है. इसी कड़ी में नीतीश सरकार की ओर से नलकूप लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है.

दरअसल भोजपुर जिले में 40 डिसमिल से अधिक जमीन वाले किसानों को निजी नलकूप लगाने पर प्रदेश सरकार की ओर से 15 से 35 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. इसके साथ ही पंप के लिए 10,000 रुपए अलग से दिए जाएंगे. वही जिले में पहले से मौजूद सरकारी नलकूपों के निरीक्षण को प्रखंड वार इंजीनियर की तैनाती की गई है. बता दें कि 'बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना' के सफल एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु उप-विकास आयुक्त सह प्रभारी जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने नलकूपों के निरीक्षण हेतु प्रखंडवार अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की है.

गौरतलब है कि अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे 'लघु जल संसाधन विभाग' द्वारा मिले दिशा निर्देशों एवं मापदंडों के अनुकूल नलकूपों की जांच कर निर्धारित फॉर्म में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं इसके लिए प्रत्येक तकनीकी पदाधिकारी को लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता से नलकूपों की सूची प्राप्त कर न्यूनतम दो बार निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. इस कार्य के सुचारू संचालन हेतु जिला पंचायती राज पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. ज्ञात हो कि, 'बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना' के तहत वो किसान, जिनके पास 40 डिसमिल जमीन है उनको 15000 से लेकर 35000 रुपये तक की सब्सिडी बोरिंग के लिए दी जाती है. इसके साथ ही 10000 रुपये पंप हेतु अलग से दिए जाते है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसानों से ऑनलाइन आवेदन प्रखंड वार मिलना शुरू हो गया हैं. निरीक्षण कार्य में पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, लघु ¨सचाई विभाग, भवन निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग, स्थानीय लोक अभियंत्रण संगठन, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, बाढ़ नियंत्रण आदि विभागों के कार्यकारी इंजीनियर एवं सहायक इंजीनियर को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गयी है.

English Summary: Government will provide subsidy of 35 thousand for private tube wells Published on: 31 December 2018, 05:50 PM IST

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