केंद्रीय सरकार ने सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को एक खुशखबरी दी है. दरअसल, भारत सरकार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में सोयाबीन की खरीद के लिए NAFED और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है, ताकि किसानों की उपज को एमएसपी पर खरीदा जा सके. सरल भाषा में कहा जाए तो सरकार ने फैसला लिया है कि अब से सरकार सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी. यह खरीद फिलहाल महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना किसानों से की जाएगी. इन तीनों राज्यों से सोयाबीन खरीद Nafed और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियां एमएसपी पर करेंगी.
मिली जानकारी के अनुसार, किसानों के लिए भारत सरकार ने MSP की दर 91 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. ताकि छोटे एवं सीमांत किसान सशक्त बन सकें. ऐसे में आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
सोयाबीन की PSS पर खरीद
केंद्रीय सरकार के ऐलान के बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक,तेलंगाना में PSS (मूल्य समर्थन योजना) पर सोयाबीन की खरीद होगी. ताकि MSP पर सोयाबीन की खरीद को सुनिश्चित किया जा सके. Nafed और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियां के द्वारा किसानों को फसल बेचने में होने वाली कठिनाइयों से बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा चुके हैं. मिली जानकारी के अनुसार, तीनों राज्यों से सोयाबीन की खरीद को लेकर सरकार की तरफ से पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है.
मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में नंबर वन की पोजीशन पर बना हुआ है. कृषि मंत्रालय के तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश पहले नंबर पर, महाराष्ट्र 5.23 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर, राजस्थान 8.96 फीसदी यानी 1.17 मिलियन टन उत्पादन के साथ तीसरे स्थान पर है.
PSS क्या है?
मूल्य समर्थन योजना यानी की PSS का क्रियान्वयन केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों में किया जाता है, जिसके तहत किसी भी फसल के दाम MSP से कम होने पर केंद्र सरकार के द्वारा नोडल एजेंसी के माध्यम से फसल की खरीद MSP पर करती है. यह कार्य तब तक जारी रहता है, जब तक बाजार में MSP के दाम संतोषजनक स्तर पर न आ जाएं.
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