देश के युवाओं को अपना खुद का बिजनेस शुरू कर आय बढ़ाने में मदद करने के लिए सरकार ने 17 सितंबर को दो योजनाओं के लिए दिशा निर्देश पेश किया. दरअसल सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय ने गुरुवार को मिट्टी के बर्तनों और मधुमक्खी पालन से जुड़े बिजनेस को शुरू करने के इच्छुक लोगों की मदद के लिए नए दिशानिर्देश दिए हैं. नए दिशा निर्देशों के अनुसार, मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए सरकार कुम्हारों का चाक और मिट्टी तैयार करने के उपकरणों के लिए सहायता देगी. इसके साथ ही सरकार कारीगरों को मिट्टी के बर्तन या फिर मिट्टी के अन्य सामान बनाने के लिए ट्रेनिंग भी देगी.
कारीगरों के आमदनी में होगी बढ़ोतरी
मंत्रालय के अनुसार, सरकार की यह पहल मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन, तकनीकी जानकारियों को बढ़ाने और कम लागत में नए उत्पादों को बनाने के लिए है. प्रशिक्षण और आधुनिक स्वचालित उपकरणों के जरिए मिट्टी के बर्तनों के कारीगरों को आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के अनुसार मिट्टी के बर्तन के निर्माण की योजना से कुल 6,075 पारंपरिक और गैर-पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों के कारीगरों, ग्रामीण और प्रवासी मजदूर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. वहीं वर्ष 2020-21 के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 19.5 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. इसके अलावा मंत्रालय की SFURTI योजना के तहत मिट्टी के बर्तनों या टाइल बनाने की क्षमताओं को बढ़ाने और क्लस्टर स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भी प्रावधान किया है.
इसके साथ ही मधुमक्खी पालन के लिए, सरकार मधुमक्खियों के लिए बक्से और उपकरण की किट के लिए सहायता प्रदान करेगी. "इस योजना के अंतर्गत कारोबार शुरू करने के लिए जरूरी सभी वस्तुएं प्रवासी श्रमिकों को भी वितरित की जाएंगी." इस य़ोजना की शुरुआत में 2020-21 के दौरान कुल 2050 मधुमक्खी पालकों, कारोबारियों, किसानों, बेरोजगार युवकों, आदिवासियों को मदद दी जाएगी. इसके लिए 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
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