आपको बता दें किसी भी क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए उसमें निवेश करने की जरूरत होती है. इसमें कृषि क्षेत्र भी शामिल है जिसके तहत सरकार कृषि संबंधी विकास योजनाएं संचालित करती है. सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए राशि का एक भाग रखा जाता है, जो कि किसानों की आय दोगुनी करने का काम करती है. इसी कड़ी में एक सरकारी समिति गठित की गई, जो यह अनुमान लगा सके कि साल 2025 तक कृषि क्षेत्र में कितनी राशि निवेश करने की आवश्यकता होगी. इस समिति ने अमुमान लगाया है कि कृषि क्षेत्र की आधारभूत संरचनाओं को बेहतर बनाने के लिए साल 2025 तक लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी.
सरकारी समिति के मुताबिक...
देश में साल 2025 तक बुनियादी संरचना की परियोजनाओं में लगभग 111 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा. सरकारी समिति ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को रिपोर्ट में खास सुझाव दिए हैं कि कृषि के 3 क्षेत्रों ई-बाजार, भंडारण और प्रसंस्करण, शोध और विकास में अधिक सुधार करने की आवश्यकता है. समिति ने इन क्षेत्रों में मुख्य चुनौतियां बताई हैं.
कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से नुकसान
समिति ने रिपोर्ट में बताया है कि देश में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के कारण ही उत्पादन के बाद भारी नुकसान होता है. अनुमान है कि इस तरह सालाना लगभग 44,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है. हमारा देश वैश्विक स्तर पर कृषि-वस्तुओं का सबसे बड़ा उत्पादक कहलाता है फिर भी यहां की जीडीपी में कृषि-निर्यात की हिस्सेदारी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. इस समस्या से निपटने के लिए 5 साल में कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा. इसके लिए एक बड़ी राशि के निवेश करने की आवश्यकता पड़ेगी.
करीब 20 परियोजनाओं में होगा निवेश
समिति की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि करीब 20 परियोजनाओं में 1,34,820 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा. इसमें ग्रामीण हाट, कृषि-बाजार की संरचनाएं, प्राथमिक कृषि साख समितियों का कम्प्यूटरीकरण, परीक्षण की सुविधाएं और शीत भंडारण सुविधा का निर्माण करना शामिल है. इसके अलावा राज्यों कू कुछ परियोजनाओं के लिए लगभग 27,652 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा खाद्य और सार्वजनिक वितरण को बेहतर बनाने के लिए 5,000 करोड़ रुपए और 15 मेगा फूड पार्क बनाने के लिए 1,255 करोड़ रुपए का निवेश करने का सुझाव दिया है.
कोरोना से कृषि वृद्धि दर नहीं होगी प्रभावित
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि देश में कोरोना और लॉकडाउन का संकट है फिर भी कृषि क्षेत्र सुचारू रूप से काम कर रहा है. ऐसे में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. इतना ही नहीं, नीति अयोग ने चालू वित्त वर्ष में अच्छे मानसून की उम्मीद जताई है, जिससे कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग 3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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