उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों की समस्याओं के मद्देनज़र हाल ही में एक ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप का नाम “ई-गन्ना ऐप” (E-Ganna) है. इसके जरिए गन्ना बकाया भुगतान समेत गन्ना किसानों की अन्य और भी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा. साथ ही गन्ना किसान गन्ने की बिक्री और दूसरी सूचनाओं के बारे में जानकारियां ऑनलाइन आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा इस ऐप के ज़रिए किसान गन्ना बेचने, सर्वे डेटा, गन्ने से जुड़ी सरकारी सूचनाएं (प्री कैलेंडर), बेसिक कोटा और गन्ने की पर्ची से जुड़ी सभी जानकारियां आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.
गौरतलब है कि इस व्यवस्था में चीनी मिलों पर किसी प्रकार की निर्भरता नही रहेगी एवं मिलों का अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं हो पायेगा. गन्ना किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए यूपी सरकार ने मोबाइल ऐप के अलावा वेब पोर्टल https://caneup.in/Default.aspx और इनक्वायरी टर्मिनल भी स्थापित किये हैं. गन्ना विभाग द्वारा मुख्यालय पर टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203, 1800-103-5823 की व्यवस्था की गयी है. गन्ना ईआरपी व्यवस्था के तहत विकसित किये गये वेब पोर्टल https://caneup.in/Default.aspx और “ई-गन्ना” एप के जरिए तौल की पारदर्शी व्यवस्था होने से माफ़ियाओं और बिचौलियों पर जहां अंकुश लगेगा वहीं, किसानों को समिति कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे और घर बैठे सारी जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेगी.
गौरतलब है कि सरकार के इस कदम से गन्ना माफ़िया बाहर होंगे, पर्चियों की कालाबाजारी पर भी अंकुश लगेगा. इसके अलावा गन्ने की घटतौली पर भी अंकुश लगेगा. राज्य सरकार का दावा है कि इस कदम से प्रदेश के करीब 50 लाख किसानों को फायदा होगा. सूबे में तकरीबन 28 लाख हेक्टेयर के आसपास गन्ने की खेती होती है.
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