
E-Fasal Compensation Portal: हरियाणा सरकार ने हाल ही में किसानों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगजनी से बर्बाद हुई फसलों को लेकर मुआवजे की राशि जारी की है. इस निर्णय से राज्य के सैकड़ों किसानों को राहत मिली है, जो हाल ही में खेतों में आग लगने की घटनाओं से परेशान थे. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद इस योजना की घोषणा करते हुए किसानों को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया की शुरुआत की.
17 जिलों के 151 किसानों को मिला मुआवजा
हरियाणा सरकार की इस पहल के अंतर्गत 17 जिलों के 151 किसानों को कुल 86.96 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई है. यह राशि 324 एकड़ क्षेत्रफल में लगी फसलों के नुकसान की भरपाई के रूप में दी गई है. जिन जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है, उनमें भिवानी, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा, कैथल, झज्जर, सोनीपत, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, नूंह, पानीपत और गुरुग्राम शामिल हैं. जबकि अंबाला, मेवात, पलवल, फरीदाबाद और पंचकूला इस सूची में शामिल नहीं हैं.
आज रबी फसल-2025 की आगजनी से प्रदेश के अन्नदाताओं को हुई क्षति का मुआवजा वितरण किया..@NayabSainiBJP pic.twitter.com/SG1JQ4D2Kt
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) May 5, 2025
यह मुआवजा राशि दो विभागों राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से दी जा रही है. सरकार ने इसे किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताया है और कहा है कि यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार है जब फसलों के नुकसान पर दो विभागों की ओर से संयुक्त रूप से मुआवजा दिया जा रहा है.
मुफ्त खाद और बीज की भी घोषणा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर यह भी ऐलान किया कि जिन किसानों की फसलें जलकर बर्बाद हुई हैं, उन्हें अगली फसल के लिए खाद और बीज भी मुफ्त में दिए जाएंगे. सरकार का उद्देश्य किसानों को अगली बुवाई के लिए सक्षम बनाना है ताकि वे आर्थिक तंगी के कारण खेती से दूर न हों. सीएम ने कहा, “हमारी सरकार हर किसान के साथ है. वह अन्नदाता है और हम सुनिश्चित करेंगे कि उसे किसी भी तरह की दिक्कत न हो.”
ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल बना सहारा
फसलों के नुकसान के दावे दर्ज करने के लिए हरियाणा सरकार ने ‘ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल’ की शुरुआत की थी, जिसे ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल से जोड़ा गया है. इस पोर्टल पर किसान अपने खेतों में हुए नुकसान की जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं. इसके बाद, राजस्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा इन दावों का मौके पर जाकर सत्यापन किया जाता है और उसकी रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जाती है.
इस डिजिटल प्रक्रिया से मुआवजे की पूरी प्रक्रिया न सिर्फ पारदर्शी बनी है, बल्कि किसानों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से भी राहत मिली है. सीएम सैनी के अनुसार, यह व्यवस्था भविष्य में भी किसानों के लिए कारगर साबित होगी और सरकार इसे और अधिक मजबूत और सरल बनाएगी.
किसानों की सुरक्षा प्राथमिकता
हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की सुरक्षा और उनका आर्थिक हित ही उसकी प्राथमिकता है. फसलों की आगजनी जैसी घटनाएं प्राकृतिक आपदाओं के समान हैं और ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि वह हर प्रभावित किसान को समय पर सहायता उपलब्ध कराए. मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में ऐसी योजनाओं का दायरा बढ़ाया जाएगा.
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