भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली मानसून की बारिश को लेकर एक अच्छी खबर आई है. दरअसल भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अल-नीनो के बेअसर रहने और बढ़िया मानसून की बारिश का अनुमान है. पिछले कुछ सालों से भारतीय मानसून को अल-नीनो ने कमजोर करते आ रहा था.मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया है कि, 'इस बार के मानसून के पैटर्न के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन हमें इतना पता है कि कोई भी मजबूत अल-नीनो का पूर्वानुमान नहीं जता रहा है.'
बता दे कि भारत की तक़रीबन 60 फीसद आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खेती पर निर्भर है और करोड़ो किसान मानसून पर निर्भर हैं, वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था के दूसरे आयाम भी मानसून से काफी हद तक प्रभावित होते हैं. मानसून अच्छा होने की वजह से बारिश अच्छी होती है. जो धान, गन्ना, मक्का, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों का भविष्य तय करती हैं.अच्छी बारिश होने के वजह से फसलों में जल्दी कीड़ें नहीं लगते है. जिससे उर्वरक महंगाई के मामले काबू में रह सकती है और इससे कृषि क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा. यदि ऐसा होता है तो आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी की जा सकती है क्योंकि ब्याज दर महंगाई से जुड़ी हुई हैं.
गौरतलब है कि अल-नीनो के चलते ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और भारत को सूखे की समस्या का सामना करना पड़ा है. अल-नीनो के वजह से ही भारत में 2014 और 2015 में लगातार दो साल सूखा पड़ा और इस कारण देश आज कृषि संकट से जूझ रहा है.
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