अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IIFPRI), जर्मनी के वेल्थुंगरहिल्फ़ और आयरलैंड के एनजीओ कंसर्न वर्ल्डवाइड संयुक्त रूप से हर साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट साझा करता है. रिपोर्ट से तिलमिलाई केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि भारत की छवि को पश्चिमी देशों ने एक राष्ट्र के रूप में धूमिल करने का प्रयास किया है.
क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और उन पर नजर रखने का एक माध्यम है. जीएचआई का स्कोर मानव विकास के चार संकेतकों को आधार मानकर नापा जाता है. इसमें कुपोषण, शिशुओं वृद्धि दर, किशोरों के विकास में रुकावट और बाल मृत्यु दर शामिल है. जीएचआई का कुल स्कोर 100 प्वाइंट होता है, इसको आधार मानकर किसी देश की खाद्यान्न और भूख की गंभीर स्थिति को दर्शाया जाता है.
जीएचआई रैंकिंग में भारत की अब तक स्थिति
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 के अनुसार भारत में कुपोषण की दर इस साल 19.3 फीसदी है. जबकि 2014 में यह 15.1 फीसदी थी. इसका अर्थ है कि भारत की रैकिंग लगातार गिर रही है. देश में 2018-20 के बीच ये दर 14.6 फीसदी थी वहीं 2019-21 बीच कुपोषण की दर बढ़कर 16.3 फीसदी पर पहुंच गई है. ग्लोबल हंग इंडेक्स के मुताबिक दुनिया में 82.80 करोड़ लोग कुपोषण का सामना कर रहे हैं, इसमें 22.40 करोड़ लोग सिर्फ भारत में हैं. हालांकि इस सूची के दो अन्य पैमानों में भारत की स्थिति सुधरी है. इस रिपोर्ट में 44 ऐसे देश हैं जिनकी स्थिति बेहद खतरनाक स्तर पर है.
कांग्रेस समेत सीपीआईएम ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
जीएचआई की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार की आलोचनाएं शुरू हो गई हैं. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्विट किया है- ‘माननीय प्रधानमंत्री कुपोषण, भूख और देश में उपजे खाद्यान्न संकट पर कब विचार करेंगे.’ कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता सीताराम येचुरी ने ट्विट किया है कि-‘मोदी सरकार भारत के लिए विनाशकारी है. साढ़े आठ सालों में भारत को इस अंधेरे युग में ढ़केलने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है.’ सीपीएम के ही नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इस़ाक ने ट्विट किया-‘भारत को ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107वां स्थान मिला है. दक्षिण एशियाई देशों में सिर्फ अफगानिस्तान हमसे नीचे है, यह स्थितियां शर्मनाक हैं.’
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भारत की छवि धूमिल करने का कु-प्रयास: मोदी सरकार
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया है, इसमें कहा गया है कि गलत सूचना प्रसारित-प्रचारित करना ग्लोबल हंगर इंडेक्स की पहचान है. ये सूचकांक भूखमरी का गलत मापदंड है और वैश्विक राजनीतिक प्रतिशोध से ग्रस्त है. यह सूचकांक देश की महज 3000 हजार की आबादी पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
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