हमारे देश के लगभग सभी क्षेत्रों में सरसों की खेती (Mustard farming) मुख्य रूप से की जाती है, जो कि एक प्रमुख तिलहन फसल है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों के लिए प्रमुख है.
सरसों की खेती (Mustard farming) की खास बात है कि यह सिंचित और बारानी, दोनों ही अवस्थाओं में उगाई जा सकती है.
इतने लाख क्विंटल सरसों के बीज का इंतजाम (Arrangement of so many lakh quintals of mustard seeds)
कृषि मंत्री की मानें, तो रबी की मुख्य फसलें जैसे गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, सरसों और अलसी की खेती के लिए लगभग 49 लाख 50 हजार क्विंटल बीज की ज़रूरत है. इसमें 8 लाख 27 हजार 391 क्विंटल बीज की व्यवस्था सरकारी, सहकारी और अर्द्धसरकारी क्षेत्र के विभाग द्वारा की जाएगी. इसके अलावा 41 लाख 22 हजार 609 क्विंटल बीज की व्यवस्था निजी क्षेत्र द्वारा की जाएगी.
अगर गेहूं की बुवाई की बात करें, तो यूपी में लगभग 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती की जाती है. इसके लिए 7 लाख 64 हजार 768 क्विंटल बीज के वितरण का लक्ष्य सरकारी और उससे जुड़े क्षेत्रों को दिया गया है.
करोड़ों किसानों को सरकारी योजना का लाभ (Benefits of government scheme to crores of farmers)
-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन में 6.12 लाख किसानों को 780.77 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.
-
रबी सीजन में 3.07 लाख किसानों को 255.05 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया.
-
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 2.14 करोड़ किसानों को 21,888.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.
यह खबर भी पढ़ें: Sarso Ki Kheti: सरसों की नई किस्म RH 725 देगी रिकार्ड तोड़ पैदावार
इसके अलावा कृषि मंत्री ने बताया है कि यूपी के किसानों के लिए खेत तालाब योजना के तहत 7 हजार तालाब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें अभी तक 1 हजार से ज्यादा तालाब खोदे जा चुके हैं. इसके लिए लगभग 263 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, तो वहीं सितंबर तक 42 हजार यंत्रों की बुकिंग हो चुकी है. अब किसानों को पंजीकरण के लिए पोर्टल भी खोल दिया गया है.
Share your comments