देश की मोदी सरकार की तरफ से आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हर घर तिरंगा लहराए जाने की अपील की जा रही है. इस अभियान के जरिए सरकार चाहती है कि देश के हर घर पर तिरंगा लहराया जाए, इसलिए Har Ghar Tiranga अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में किसानों की आवाज बनने वाला कृषि जागरण मीडिया हाउस ने भी इस अभियान में अपनी भागीदारी दिखाई है.
इसके तहत कृषि जागरण ने एक अभियान शुरू किया, जिसका नाम 'परिवर्तन घर से शुरू होता है,' रखा गय़ा है. इस पहल के मुताबिक, कृषि जागरण खेती में अहम योगदान देने वाली हस्तियों का स्वागत कर रहा है. इसके चलते आज कृषि जागरण में एक ऐसे शख्स ने शिरकत की, जो अपनी सादगी और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. जी हां, आज कृषि जागरण में सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने शिरकत की, जो कि भारत सरकार में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के राज्य मंत्री पद को संभाल चुके हैं.
आपको बता दें कि प्रताप चंद्र सारंगी ने 67 वर्ष की आयु में वो सब कर दिखाया, जो किसी असंभव से कम नहीं है. सादगी और शांति चाहने वाले प्रताप चंद्र सारंगी का कृषि जागरण पूरे दिल से स्वागत करता है. वह बालासोर, ओडिशा से तालुकात रखते हैं, साथ ही उन्होंने ओडिशा विधानसभा से दो बार अपनी जीत भी हासिल की है. बता दें कि उन्हें दोनों बार नीलागिरी निर्वाचन क्षेत्र से जनता ने सेवा करने का मौका दिया.
Har Ghar Tiranga Abhiyan
प्रताप चंद्र सारंगी जी ने सिद्ध कर दिया है कि आयु महज एक संख्या है. देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए हर घर तिरंगा अभियान में भी इन्होंने अपनी भागीदारी दिखाई है. आज़ादी के #AmritMahotsav पर #HarGharTiranga कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए लाल क़िला से विजय चौक तक बाइक रैली में भी शामिल हुए.
कृषि जागरण इस देशभक्ति जज्बे को दिल से सलाम करता है. हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि आज हमें प्रताप चंद्र सारंगी जी को सामने से सुनने और समझने का मौका मिला है. सारंगी जी ने देश के तमाम युवा और किसान भाइयों/बहनों के बारे में क्या कुछ कहा आइए जानते हैं...
सर्व प्रथम कृषि जागरण और उसके पूरे परिवार को देखकर उन्होंने कहा की यह अच्छी बात है कि हमारे देश के युवा कृषि क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाते हुए किसानों के लिए काम कर रहे हैं. सभी कर्मचारियों से मिलने के बाद उन्होंने देश के किसानों को संबोधित करते हुए कहा हमारे देश में ज्यादातर लोग कृषक हैं, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब देश में कृषकों की संख्या घटती जा रही है, जो हमारे देश के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है. लोग अब उपभोग करते हैं, लेकिन उत्पादन नहीं कर रहे हैं. किसानों के सम्मान में उन्होंने बोला कि हम जो कपड़ा पहनते हैं, जिस मकान, भवन में रहते हैं उसे हमने नहीं बल्कि किसान और मजदूरों ने बनाया है, इसलिए उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य हैं. उन्होंने कई लेखक और महापुरुषों को भी अपने भाषण के दौरान संबोधित किया.
कीटनाशकों की जगह देसी खाद का करें इस्तेमाल
रासायनिक खाद का जिस तरह से इस्तेमाल हम खेती में कर रहे हैं, यह ना सिर्फ मिट्टी की उर्वरक क्षमता को कम करता है, बल्कि मानव शरीर को भी खोखला करता जा रहा है. ऐसे में जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए.
गाय, भैंस के सींग से बनाएं जैविक खाद
प्रताप चंद्र सारंगी ने देश के किसानों को बताते हुए कहा कि कैसे आप अपने खेतों में रासायनिक छिड़काव से बच सकते हैं. उन्होंने कहा मृत गाय, भैंसों के सींग को लाकर एक गड्ढे में दबाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें, फिर बाद में उसे निकालकर सींग के अन्दर जो भी पदार्थ हों, उसे पानी में मिलाकर आप अपने खेतों में छिड़काव कर सकते हैं.
इस तरह से आप रसायन मुक्त खेती भी कर पाएंगे और किसी को नुकसान भी नहीं होगा. इस दौरान उन्होंने किसानों की भलाई के लिए बहुत सारी बातें सभी के समक्ष रखीं. अगर आप भी उन्हें सुनना चाहते हैं, तो इस लिंक पर क्लिक करें और इसका आनंद उठाएं.
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