भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर एम. मोनी को रविवार, 17 दिसंबर को अशोक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया. प्रोफेसर मोनी शोभित विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में काम कर रहे हैं. वह केप इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पुरस्कार दिए जाने के बाद से लगातार उनकी प्रशंसा हो रही है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं.
केप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस एंड कंपनीज के चेयरमैन आई. कृष्णा पिल्लई ने कहा, "मैं शोभित यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटस प्रोफेसर एम. मोनी, भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर एम. मोनी को हार्दिक बधाई देता हूं. यह बहुत खुशी की बात है कि उन्हें अशोक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान कृषि सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके उत्कृष्ट योगदान का एक प्रमाण है."
वहीं, शोभित विश्वविद्यालय के चांसलर एवं सह-संस्थापक कुंवर शेखर विजेन्द्र ने कहा, "मैं शोभित विश्वविद्यालय के एमेरिटस प्रोफेसर और भारत सरकार के एनआईसी के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर मोनी मदास्वामी को 'अशोक पुरस्कार 2023' से सम्मानित होने पर बधाई देता हूं. यह प्रतिष्ठित सम्मान कृषि सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके महत्वपूर्ण योगदान का जश्न मनाता है."
बता दें कि प्रो.एम. मोनी वह राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के महानिदेशक, 1995 में कृषि सूचना विज्ञान प्रभाग के प्रमुख और ई-गवर्नेंस के प्रमुख भी रहे हैं. 2005 में प्रो.एम. मोनी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), नई दिल्ली में सलाहकार (आईटी) के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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अशोक पुरस्कार चार्ल्स वाल्टर सोसायटी फॉर इनोवेशन एंड की एक पहल है. इस संस्थान की स्थापना सोसायटी अधिनियम (अधिनियम 21, 1860) के माध्यम से एक स्वतंत्र रिसर्च एंड इनोवेशन सोसायटी के रूप में की गई थी. सोसायटी द्वारा दिया जाने वाला ये पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षाविदों, साहित्य आदि सहित मानव संसाधन विकास के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने और समर्थन करने और व्यापार, प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में ज्ञान, नवाचार और विकास के निर्माण की सुविधा के लिए आवश्यक अनुसंधान सुविधाओं के प्रावधान के लिए शुरू किया गया था.
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