अगर आप यह सोचकर अपने आपको दिलासा देने की कोशिश कर रहे हो कि आने वाले दिनों में शायद कोरोना का कहर कम हो और हमें राहत मिले, तो हमें यह बताते हुए बहुत अफसोस महसूस हो रहा है कि आने वाले दिनों में तो स्थिति वर्तमान स्थिति से भी ज्यादा विकराल और भयावह होने वालीहै. अभी तो रोजाना महज 3 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन अगले महीने मई से संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख को पार करेगा.
वहीं, अगर मौतों के मामलों की बात करें, तो अगले महीने से मौत का तांडव और बढ़ेगा. जी हां...अभी औसतन कोरोना से होने वाली मौत की संख्या 1500 से 2000 के आस-पासरहती है, लेकिन अगले माह से मौत का यह आंकड़ा 5 हजार को पार करने वाला है. अगले माह से विकराल होतेकोरोना के कहर का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं. कि मौत का आंकड़ा 5600 को पार कर सकता है. यह स्थिति यकीनन उन सभी लोगों के लिए बहुत दुखद है, जो यह ख्वाब पाल कर बैठे हैं कि आने वाले दिनों में कोरोना के मामले कम हो सकते हैं.
वांशिगटन रिपोर्ट में किया गया ऐसा दावा
बता दें कि अगले माह से शुरू होने वाले कोरोना के तांडव का खौफनाक खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि हर मसले परगहन शोध करने वाली अमेरिका की वांशिगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन की ओर से किया गया है. इस रिपोर्ट को अप्रैल में प्रकाशित भी किया गया था. इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वर्तमान स्थिति समेत कोरोना के म्यूटेंट को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि अगले माह से कोरोना का कहर और अधिक विकराल होने जा रहा हैं.
यकीनन, यह रिपोर्ट भारत के लिए किसी खौफनाक तस्वीर से कम नहीं है. भारत में अभी संक्रमण का मामला 3 लाख को पार कर चुका है. वहीं, देश के अस्पतालों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. ऑक्सीजन के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं. विगत शुक्रवार को सर गंगाराम अस्पताल में महज 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत हुई है. वही, गंभीर हो रहे हालातों को देखते हुए कई अस्पतालों ने नए मरीजों की भर्ती से साफ मना कर दिया है. अब ऐसे में लोगों के जेहन में इस बात को लेकर खौफ अपने चरम पर है. अगर मई से कोरोना मौजूदा समय से भी ज्यादा विकराल हुई, तो लचर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था इसका कैसे मुकाबला कर पाएगी?
खैर, लचर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने की कोशिश जारी है. उधऱ, दिल्ली सरकार की तरफ से रेलवे को साफनिर्देश है कि ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति की जाए. इसके लिए रेलवे की तरफ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस की भी शुरूआत की गई है. इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस का मुख्य उद्देश्य उन जगहों पर ऑक्सीजन पहुंचाना है, जहां ऑक्सीजन का अभाव बना हुआ है, लेकिन अभी-भी कई सुधार करने की दरकार है, तब जाकर ध्वस्तहो चुके हालातों को दुरूस्त किए जा सकेंगे.
दिल्ली में बढ़ सकता है लॉकडाउन!
वहीं, अब लोगों के जेहन में अब इस बात को लेकर लगातार दुविधा व संशय की स्थिति बनी हुई है कि अगर कोरोना का कहर ऐसे ही विकराल होता गया, तो फिर क्या दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों यह कहकर राजधानी दिल्ली में सात दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था कि इस बीच हम लचर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करेंगे, लेकिन अफसोस ऐसा कुछ होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, बल्कि इसके विपरीत हालात लगातार नाजूक होते जा रहे हैं. बहरहाल, दिल्ली में लॉकडाउन आगे बढ़ेगा या नहीं, इसे लेकर फिलहाल तो दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. अब आगे क्या फैसला लिया जाएगा, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
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