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कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं पर समीक्षा बैठक आयोजित, पढ़ें पूरी डिटेल

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत 4 जनवरी 2025 को पटना में विदेशी सहायता प्राप्त 20 परियोजनाओं की प्रगति पर समीक्षा बैठक आयोजित हुई. डॉ. एस.के. चौधरी की अध्यक्षता में विशेषज्ञों ने कृषि स्थिरता, जलवायु अनुकूलन और संसाधन संरक्षण पर चर्चा की. 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया. बैठक में उन्नत तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया.

लोकेश निरवाल
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर),
पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में आयोजित बैठक में 20 से अधिक विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं की समीक्षा की

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग के तहत 4 जनवरी 2025 को पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. एस.के. चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) ने की. बैठक में 20 से अधिक विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जो अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे आईआरआरआई, सीआईएमवाईटी और आईडब्ल्यूएमआई के सहयोग से चल रही हैं. इन परियोजनाओं के माध्यम से कृषि स्थिरता, जलवायु अनुकूलन और संसाधन संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य पर चर्चा की गई.

120 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी

कार्यक्रम में 10 से अधिक आईसीएआर संस्थानों के लगभग 120 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. परियोजनाओं के प्रमुख अन्वेषकों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट और चुनौतियों पर प्रस्तुतियां दी. डॉ. चौधरी ने इन प्रस्तुतियों की गहन समीक्षा करते हुए संसाधन संरक्षण और कृषि में विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.

विशेषज्ञों और निदेशकों की भागीदारी

बैठक में कई प्रमुख कृषि विशेषज्ञ और आईसीएआर संस्थानों के निदेशक शामिल हुए. इनमें शामिल थे:

  • डॉ. जे.एस. मिश्रा, निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर.
  • डॉ. ए. सारंगी, निदेशक, भारतीय जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर.
  • डॉ. एन.जी. पाटिल, निदेशक, राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर.
  • डॉ. सुनील कुमार, निदेशक, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम.
  • अन्य गणमान्य अतिथि जैसे डॉ. आर.के. जाट (बोरलॉग इंस्टीट्यूट) और डॉ. एस.पी. पूनिया (अंतर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केंद्र).

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और स्थिरता पर जोर

डॉ. अनुप दास, निदेशक, पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, ने अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. बैठक में जलवायु अनुकूल फसल किस्में, जल प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श हुआ. सभी प्रतिनिधियों ने किसानों के बीच उन्नत तकनीकों को ले जाने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की.

बैठक का समापन डॉ. संतोष कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. यह बैठक कृषि स्थिरता और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में दीर्घकालिक योगदान देने के लिए एक प्रभावी पहल के रूप में देखी जा रही है.

English Summary: Foreign aided projects review meeting patna research complex Published on: 06 January 2025, 02:32 PM IST

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