देश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की मार सभी लोग झेल रहे हैं. इस दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्रालय (Union Food Ministry) के तहत भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) ने एक अहम फैसला किया है. दरअसल, अब अनाज खरीदना आसान कर दिया गया है. एफसीआई (FCI) ने टेंडर प्रक्रिया खत्म कर दी ही. इस कड़ी में सरकार ने भी गेहूं का भाव 21 रुपए और चावल का भाव 22 रुपए प्रति किलो तय कर दिया है. यह फैसला लेने की वजह है कि खुले बाजार में आसानी से खाद्यान्न की आपूर्ति की जा सके.
टेंडर प्रक्रिया खत्म होने से लाभ
अब भारतीय खाद्य निगम (FCI) से अनाज खरीदना सरल हो गया है. इस फैसले के बाद एफसीआई के गोदामों से कोई भी संस्था और बड़ा उपभोक्ता आसानी से गेहूं या चावल खरीद सकता है. इस फैसला का उद्देश्य है कि अब देश में हर जगह अनाज की सप्लाई हो पाएगी. जब टेंडर प्रक्रिया लागू थी, तब कई शर्तो के तहत अनाज खरीदा जाता है, जिसमें अनाज की सप्लाई में काफी विलंब होता था. सरकार के इस फैसले के बाद अनास खरीदना सरल और सहज हो गया है. खास बात है कि अनाज की ढुलाई का काम रेलवे की ओर से पूरा किया जाएगा.
आपको बता दें कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते खाद्यान्न की मांग बढ़ गई है, इसलिए सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है. सरकार का पूरा प्रयास है कि इस वक्त देश की किसी भी कोने में अनाज की कोई कमी नहीं होनी चाहिए. माना जाए, तो सरकार के इस फैसले के बाद एक हद तक महंगाई से निपटने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि देश के करोड़ों लोगों को अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिया जा रहा है. इस फैसले का असर अति सस्ते अनाज की योजना पर नहीं पड़ेगा.
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