लॉकडाउन के कारण एक तरफ जहां मछली खाने वालों को दिक्कत आ रही है, वहीं कारोबारियों को भी भारी घाटा हो रहा है. किसानों और छोटे व्यापारियों की समस्याओं को समझते हुए सरकार ने मछली से जुड़े व्यापार को चालू करने का आदेश दिया है.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद से मछली व्यापारियों को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन अब लॉकडाउन में कुछ छूट देते हुए मछली पालन, इसे पकड़ने, प्रसंस्करण, परिवहन और बिक्री में छूट दी गई है. केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से इस बारे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी कर दिए हैं.
इन कार्यों के लिए भी मिली छूट
नए आदेश के मुताबिक अब लॉकडाउन में भी मछली पालने, तालाबों की साफ-सफाई, चारा डालने, प्रॉसेसिंग, पैकिंग, कोल्ड चेन तैयार करने जैसे कार्यों की छूट रहेगी. इसके अलावा मछली का बीज तैयार करने और उसे किसानों तक उपलब्ध कराने के कार्यों को भी लॉकडाउन में किया जा सकेगा.
जारी रहेगी सोशल डिस्टेंसिंग
हालांकि केंद्र सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि किसी भी हालत में सोशल डिस्टेंसिंग को न तोड़ा जाए और गाइडलाइन्स का पालन किया जाए. किसी भी कारण से अगर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता है, तो नियमों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी.
घाटे में है मछली उद्दोग
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण छोटे मछली पालकों को आहार की समस्याएं आ रही है. यातायात और दुकानों के बंद होने के कारण पोटेशियम परेगनेट आदि उत्पाद नहीं मिल पा रहे हैं, इसके अलावा बीमार मछलियों का उपचार भी नहीं हो पा रहा है. फिलहाल मछलियों के चकत्ते झड़ने लगने पर न तो सिल्वर नाइट्रेट उपलब्ध है और न ही ठंड, गैस और सिन्ड्रोम जैसे रोगों का कोई उपचार है.
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