बिहार के भागलपुर से जिओग्राफिककल इंडिकेशन (जीआई) प्रमाणित जर्दालू आमों की पहली खेप को 14 जून को यूनाइटेड किंगडम के लिए निर्यात किया गया. बिहार सरकार, भारतीय उच्चायोग और इन्वेस्ट इंडिया के साथ भागीदारी में एपिडा ने रसदार और सुगंधित आमों का निर्यात किया, जिन्हें लखनऊ में एपिडा के पैकहाउस में पैक किया गया था.
अनूठी सुगंध और स्वाद के साथ, बिहार के भागलपुर जिले के जर्दालू आमों को 2018 में जीआई प्रमाणन हासिल हुआ था, वहीं एपिडा गैर पारम्परिक क्षेत्रों से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रहा है.
हाल में, बहरीन में भारतीय आमों के प्रचार के लिए एक सप्ताह लंबे कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां तीन जीआई प्रमाणित खीरसपाती और लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल) और जर्दालू (बिहार) सहित फल की 16 किस्मों का आयातक अल जजीरा समूह के सुपर स्टोरों में प्रदर्शन किया गया.
गौरतलब है कि एपिडा आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए वर्चुओल खरीदार-विक्रेता बैठक और महोत्सव का आयोजन करता रहा है. एपिडा ने हाल में भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर बर्लिन, जर्मनी के साथ ही जापान में आम महोत्सव का आयोजन किया था.
बता दें कि भारत ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिलों के किसानों से खरीदी गई जीआई प्रमाणित बंगनापल्ली और आमों की एक अन्य किस्म सुरवर्नरेखा की खेप का निर्यात किया.
भारत में आम को 'फलों का राजा' भी कहा जाता है और प्राचीन शास्त्रों में इसे कल्पवृक्ष (इच्छित फल देने वाला पेड़) कहा जाता है. भले ही भारत के ज्यादातर राज्यों में आम के बागान होते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में इस फल की पैदावार में बड़ी हिस्सेदारी है.
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