केंद्र की मोदी सरकार आम चुनावों के बाद सत्ता में भारी बहुमत से जीत हासिल करके आई है. आज सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश कर रही है. लोकसभा में आज 11 बजे आम बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. लेकिन वित्त मंत्रालय के बाहर आज पहली बार एक अलग तस्वीर दिखाई दी है. दरअसल बजट के अप्रुवल के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण लवरिष्ठ अफसरों और वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंची थी. अभी तक यही परंपरा रही है कि वित्त मंत्री लेदर का ब्रीफकेस लेकर बजट पेश करने ही संसद पहुंचते थे. लेकिन इस बार जब वित्त मंत्री राष्ट्रपति से मिलने रवाना हुई तो उनके हाथ में बजट ब्रीफकेस में नहीं बल्कि लाल रंग के मखमली कपड़े बंधा दिखा.
बजट नहीं यह है देश का बही खाता
अगर पुराने वित्त मंत्रियों की बजट पेश करने वाली जितनी भी औपचारिकता आती है उनमें ब्राउन कलर की अटैची ही दिखाई देती है. इस बार लाल रंग के कपड़े में राष्ट्रपति से मिलने के लिए रवाना हुई तो उनके हाथ में बजट गहरे लाल रंग का बजट था. इसे एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. भारत में बही खाता को भी लाल रंग के कपड़े में बांध कर रखने की परंपरा रही है. दफ्तरों में भी दस्तावेजों को लाल कपड़े में बांधकर रखने की परंपरा रही है.
गुलामी परंपरा से मुक्ति
लाल रंग के बजट के बारे में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रण्महम ने यह कहा कि यह भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से हमारे मुक्त होने का संकेत है. यह भारत का बजट नहीं है यह बही खाता है.
टूट गई 159 साल पुरानी परंपरा
इस ब्राउन कलर की अटैची का देश के इतिहास से बहुत ही गहरा और रिशता बेहद दिलचस्प है. सूटकेस के साथ यह रिश्ता वर्ष 1860 से बना हुआ है. मतलब यह है कि यह रिश्ता 159 साल पुराना है. लेकिन इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार सूटकेस वाली परंपरा को तोड़ दिया है. वित्त मंत्री सीतरमण के बाहर मीडिया के समाने आई तो उन्होंने लाल रंग के कपड़ें में बजट लाकर सबको चौंका दिया. वर्ष 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट गैलंस्टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को बैग में लेकर आए थे तभी से यह परंपरा चल रही थी.
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