
बिहार में चल रहे फार्मर रजिस्ट्री शिविरों में पेशेवर और लघु या मध्यम वर्गीय किसानों की भागीदारी लगातार घटती या पीछे छूटते नजर आ रहे हैं. नए भूमि रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ मिल पा रहा है, जबकि वंशानुगत किसान और सीमांत किसान दस्तावेजों की कमी, डिजिटलीकृत जमीन और प्रक्रिया की जटिलताओं के कारण पीछे हैं.
स्थानीय किसान धर्मेंद्र कुमार (एग्रीकल्चर इनोवेशन, मुजफ्फरपुर से संबंधित) बताते हैं कि जो खेत में नहीं, वही फार्मर लिस्ट में हैं, शिविरों की और शिविरों में जानकारी और सहयोग की व्यवस्था सीमित है, जिससे ज़मीन ख़रीदने वाले व साधनसंपन्न फार्मर रजिस्ट्रेशन तेजी से अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे है वहीं, बड़े और वंशानुगत भूमि संबंधी दस्तावेजों में खाता, खेसरा संख्या, रकबा (भूमि क्षेत्रफल), रैयत का नाम और अभिभावक के नाम में गलतियां हैं. किसान राजीव कुमार (सकरा) व मुन्ना कुमार (मीनापुर) के अनुसार, 80% से अधिक लोगों के दस्तावेजों में या तो जानकारी अधूरी है या गलत दर्ज की गई है, जिससे वे सरकारी योजनाओं और लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जा रहे हैं. इसके चलते न केवल किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से भी वंचित हैं, तो इधर बैंक लोन और फसल बीमा जैसी सेवाएं भी नहीं ले पा रहे हैं.

इन किसानों की मांग है कि शिविरों में विशेष सहायता काउंटर स्थापित किए जाएं, ताकि छोटे और मध्यम किसान और वंशानुगत भूमि संबंधी दस्तावेजों में खाता, खेसरा संख्या, रकबा (भूमि क्षेत्रफल), रैयत का नाम और अभिभावक के नाम में गलतियां को ठीक करने का व्यवस्था हो. तो इधर कई कैंप में देखा गया है पहरा, आधार से जुड़ी फेस आधारित केवाईसी प्रक्रिया में लगातार विफलताएं सामने आ रही हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि खराब कैमरा क्वालिटी, चेहरे की स्थिति में भिन्नता और आधार में दर्ज पुरानी या धुंधली तस्वीरें, मिलान प्रक्रिया को बाधित कर रही हैं.
इसके अलावा, नेटवर्क कनेक्टिविटी कमजोर होने और लिवनेस डिटेक्शन फेल होने से भी सिस्टम ऑथेंटिकेशन को अस्वीकार कर देता है. फेस केवाईसी को आसान और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार और तकनीकी एजेंसियों को अब बेहतर समाधान तलाशने होंगे, ताकि बार-बार असफलता का सामना न करना पड़े और सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान हो सके. दूसरा, फार्मर रजिस्ट्रेशन पोर्टल रसीद का भाग और पृष्ठ संख्या से सर्च करने का ऑप्शन उपलब्ध करानी चाहिए जिससे आसानी से पंजीकरण हो सकें.
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