किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिनमें भूमि से जुड़ी हुई दस्तावेज़ बंधक, दर्ज खसरा, खतौनी, व्यपवर्तन प्रमाणपत्र आदि भी है. यह वह दस्तावेज हैं जिसके लिए किसानों को तहसील का महीनों चक्कर लगाना पड़ता हैं. इन दस्तावेज़ को लेकर किसानों की सरकार से हमेशा यह शिकायत रहती है की इन दस्तावेजों को पाने के लिए उन्हें काफी पैसा खर्च करना पड़ता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए अब इन सभी दस्तावेज को ऑनलाइन कर दिया है. ऐसे में ये सभी दस्तावेज़ अब किसान घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं.
बता दे कि मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए शहडोल, सीधी, रतलाम, देवास, धार, अनुपपुर, अशोकनगर, आगर–मालवा, श्योपुर, उमरिया, नीमच, निवाड़ी और कटनी में वेब जियाईएस(web-Gis) साफ्टवेयर से भू – अभिलेख प्रतिलिपि प्रदाय करने का कार्य शुरू किया गया है. यह अब इन सभी जिलों में लागू कर दिया गया है. इतना ही नहीं, नियमों का सरलीकरण भी किया गया है. 21 जिलों के लोक सेवा केन्द्रों पर 11 सितंबर से डिजिटल हस्ताक्षरित भू – अभिलेख की प्रतिलिपियाँ (बंधक, दर्ज खसरा व्यपवर्तन प्रमाण पत्र) मिलना शुरू हो गया है. किसान आम जन प्रतिलिपियाँ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर बैठे प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को अब तहसील कार्यालय में आकार बंधक दर्ज कराने की भी जरूरत नहीं है.
भू – अभिलेख प्रतिलिपि के लिए आवेदन नि:शुल्क रहेगा. राज्य शासन ने 1 अगस्त 2019 से प्रतिलिपि प्रदाय की दरों का सरलीकरण भी कर दिया है. अब एक साला और पांच साला खसरा या खाता जामबेंदी, आदिकर अभिलेख, खेवट , वाजिब – उल – अर्ज, निस्तार पत्रक और ए4 आकार में नक्शे की प्रति के पहले पृष्ठ के लिए 30 – 30 रूपये और अतिरिक्त प्रष्ट के लिए 15 – 15 रूपये का शुल्क देना होगा. संबंधित कलेक्टर, तहसील और नकल वितरण केन्द्रों में संशोधित दर का भरपूर प्रचार – प्रसार करने को कहा गया है. इस खबर के बारें में और अधिक जानकारी के लिए आप https://mpbhulekh.gov.in/mpbhulekh.do पर विजिट कर सकते है.
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