किसानों की मदद के लिए कई तरह की योजना चलाई जा रही है. इनमें एक नाम कुसुम योजना (Kusum Yojana) का भी शामिल है. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा अपने राज्य के किसानों को एक बड़ी खुशखबरी दी गई है. दरअसल, राज्य के किसानों को कुसुम योजना (Kusum Yojana) के तहत 2 मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए ऋण मिल सकेगा.
बंजर और बेकार भूमि का करें उपयोग (Use barren and waste land)
जी हां, कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए बैंक फाइनेंसिंग के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है. दरअसल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने कहा कि चूंकि बिजली खरीद समझौते के तहत डिस्कॉम द्वारा बिजली संयंत्र खरीदा जाता है, इसलिए किसानों को 25 साल तक नियमित भुगतान मिलेगा.
सोलर प्लांट (Solar Plant)
उन्होंने कहा कि बैंक इस बात से भी सहमत हैं कि इस सोलर प्लांट के साथ, वे ऋण के लिए किसान से किसी भी सहायक सुरक्षा की मांग नहीं करेंगे. पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान अक्षय निगम (RRECL) को पहले ही 722 मेगावाट क्षमता वाले किसानों से 623 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. लेकिन केवल 11 परियोजनाओं को चालू किया गया है.
कुसुम योजना के तहत क्या मिलेगी सुविधा (What will be the facility under Kusum Yojana)
कुसुम योजना (Kusum Yojana) के अनुसार, किसान बंजर और अर्ध बंजर भूमि में सबस्टेशन के 5 किमी के दायरे में 0.5 से 2 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाएं स्थापित कर सकते हैं. राजस्थान बिजली नियामक ने 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से मंजूरी दी है, जो डिस्कॉम किसानों को भुगतान करेगी.
इस योजना के तहत, निजी डेवलपर्स को उन किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फाइनल करने की अनुमति है जिनके पास ऐसी जमीन है, लेकिन निवेश करने के लिए पूंजी नहीं है. किसान डेवलपर्स से जमीन के लिए वार्षिक लीज मनी प्राप्त करने का हकदार है. लेकिन निजी डेवलपर्स ने कहा कि 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर व्यवहार्य नहीं है, क्योंकि ये छोटी परियोजनाएं हैं और पैमाने की अर्थव्यवस्था का आराम प्रदान नहीं करती हैं.
राजस्थान सरकार का किसानों के लिए एक और बड़ा ऐलान (Another big announcement of Rajasthan government for farmers)
वहीं उसके अलावा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के फसल ऋण माफी के लिए ऐलान किया है. दरअसल, राज्य सराकर ने एकमुश्त कर्ज माफी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत देने के लिए बैंकों को एक प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने आगे कहा कि कहा कि इस प्रस्ताव को लागू कर राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों की कर्जमाफी में राज्य सरकार को जरूरी सहयोग दें.
किसानों को मिल सकती है राहत (Farmers can get relief)
गहलोत ने कहा कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा शुरू की गई एकमुश्त ऋण माफी योजना में, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (Non-performing assets) के रूप में वर्गीकृत कृषि ऋणों को माफ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा 90% ऋण माफ कर दिया गया है जबकि शेष 10% का भुगतान किसान द्वारा किया गया है. और अन्य बैंकों से भी इसी तरह की तर्ज पर गरीब किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कहा है.
क्या है लक्ष्य (What is the goal)
राज्य सरकार इस योजना में किसान का 10% हिस्सा देने के लिए तैयार है. बता दें कि राज्य सरकार और बैंकों का मकसद किसानों को राहत पहुंचाना है. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आम आदमी को राहत देने और विकास की गति को बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों से अब तक 14,000 करोड़ रुपये के Farmer Loan माफ किए गए हैं. 20 नवंबर, 2018 को एनपीए घोषित किए गए राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के ऋण को अभी तक माफ नहीं किया गया है.
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