1. Home
  2. ख़बरें

किसानों का बड़ा ऐलान, अब हम खुद करेंगे प्याज के दाम तय, क्योंकि..

आजादी के सात दशकों के बाद अगर आज हमारे किसान भाई बदहाल हैं, तो इसकी प्रमुख वजह शायद यही है कि जिन फसलों को किसान महज 10 से 12 रूपए प्रति किलोग्राम पर बेचते हैं, वही जब कंपनियों के पास पहुंचते हैं, तो वे इसे 40 से 50 रूपए प्रति किलोग्राम पर बेचते हैं.

सचिन कुमार
Onion Price
Onion Price

आजादी के सात दशकों के बाद अगर आज हमारे किसान भाई बदहाल हैं, तो इसकी प्रमुख वजह शायद यही है कि जिन फसलों को किसान महज 10 से 12 रूपए प्रति किलोग्राम पर बेचते हैं, वही जब कंपनियों  के  पास  पहुंचते  हैं, तो  वे  इसे  40  से  50  रूपए  प्रति किलोग्राम पर बेचते हैं.

इससे जहां किसानों की बेहाली अपने चरम पर पहुंच जाती है, तो वहीं इन कंपनियों की चांदी-चांदी हो जाती है, लेकिन अब किसान भाइयों ने इन रवायतों को हमेशा-हमेशा के लिए स्वाहा करने का फैसला कर लिया है. किसान भाइयों ने तय कर लिया है कि अगर कंपनियों के मालिकों को भारी मुनाफा कमाने का नैतिक हक है, तो हमें क्यों नहीं?

इससे जहां किसानों की बेहाली अपने चरम पर पहुंच जाती है, तो वहीं इन कंपनियों की चांदी-चांदी हो जाती है, लेकिन अब किसान भाइयों ने इन रवायतों को हमेशा-हमेशा के लिए स्वाहा करने का फैसला कर लिया है. किसान भाइयों ने तय कर लिया है कि अगर कंपनियों के मालिकों को भारी मुनाफा कमाने का नैतिक हक है, तो हमें क्यों नहीं?

इन्हीं स्थितियों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के किसानों ने एक ऐसा ऐलान कर दिया है कि जिसे लेकर चर्चा का बाजार गुलजार हो गया है. दरअसल, महाराष्ट्र के प्याज किसानों ने ऐलान कर दिया है  कि वह अपने प्याज की कीमतें खुद तय करेंगे.

महाराष्ट्र के किसानों का ऐलान

महाराष्ट्र के प्याज किसानों ने कहा कि अगर कंपनियों के मालिक खुद अपने उत्पाद के दाम तय कर सकते हैं, तो हम बतौर किसान अपनी फसलों की कीमतें क्यों नहीं तय कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आखिर क्यों हम जिन फसलों को इतनी मेहतन से उगाते हैं, लेकिन जब इन्हें बेचने का समय आता है, तो हमें महज 10 से 12 रूपए प्रति किलो पर प्राप्त हो पाता है. इसी क्रम में महाराष्ट्र के प्याज किसानों का यह ऐलान कि वह अपनी प्याज की कीमतों खुद तय करेंगे.  यह काफी चर्चा में है. 

पढ़िए, दिघोले का बयान

इसी क्रम में महाराष्ट्र कांदा उप्तादक संगठन के नेता दिघोले ने कहा है कि हम किसी भी प्रकार का टकराव सरकार के साथ नहीं चाहते हैं, इसलिए अब हमने अपनी प्याज की कीमतें खुद ही तय करने का फैसला किया है. खैर, किसान भाइयों के इस ऐलान का आने वाले दिनों में क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब किसान भाइयों ने अपनी फसलों को उचित कीमत प्राप्त करने के लिए अपनी आवाज उठाई है, बल्कि इससे पहले भी किसान भाई अपनी फसलों की उचित कीमत प्राप्त करने की जद्दोजहद में लगे रहे  हैं.   

जरा डालिए इन आंकड़ों पर नजर

बता दें कि इससे पहले नेशनल हार्टिकल्चर ने साल 2017 में बताया कि प्याज  के उप्तादन में प्रति किलोग्राम 7.34 रूपए की लागत आती है, लेकिन तब से लेकर अब तक इनकी बीच में आने वाले पड़ावों पर इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की कीमतों में उछाल आई है, जिसके परिणामस्वरूप आज प्याज की कीमतें आसमान छू रही है. वहीं, दिघोले कहते हैं कि कायदे से यह सरकार का काम है कि जिस प्याज से एक कंपनी 50 से 60  रूपए में बेचती है, हम उसे महज 10 से 12 रूपए में बेचने पर मजबूर रहते हैं. इस दिशा में सरकार को चाहिए कि उचित कदम उठाए, लेकिन सरकार इस दिशा में निष्क्रिय बनी हुई है.

प्याज किसानों की बदहाली 

इसके साथ ही प्याज के किसानों की बदहाली को बयां करते हुए कहा कि किसानों के पास स्टोरेज की समस्या है. उनके पास अपना माल रखने के लिए खुद के भंडारण की व्यवस्था नहीं है. जिससे उनका माल खराब हो जाता था और उन्हें भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता था.

English Summary: Farmers will decide the price of onion themselves Published on: 24 August 2021, 06:21 PM IST

Like this article?

Hey! I am सचिन कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News