हिमाचल प्रदेश के किसानों को मालामाल होने का सुनहरा अवसर मिला है. राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक योजना का चलाई है, जिससे किसान अपनी आय को दोगुनी कर सकते है. दरअसल, सरकार ने एक बड़ी पहल की है. जिसमें किसान देसी गाय के गोमूत्र और गोबर से मुनाफा कमाएंगे. सरकार ने प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना चलाई है. इसके तहत के देसी गाय के गोमूत्र और गोबर का दाम तय किया गया है. सरकार ने बताया है कि इस योजना के तहत देसी गाय का गोबर पांच रुपये प्रति किलोग्राम और गोमूत्र आठ रुपये लीटर बिकेगा. किसान प्राकृतिक खेती के इस्तेमाल के लिए बनने वाली जीवामृत व घनजीवामृत खाद 12 व दो रुपये किलोग्राम के हिसाब से बेच सकेंगे.
आपको बता दें कि राज्य में किसानों को बड़े स्तर पर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कई छोटे किसानों के पास ज्यादा जमीन नहीं होती है, इसलिए वह प्राकृतिक खाद नहीं बना पाते. उनके लिए सरकार संसाधन भंडारण की सुविधा करेगी. इसके लिए किसान आवेदन करेगा, जिसके बाद उसे 10,000 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी. इस योजना के तहत किसान भाई का गोबर, गोमूत्र जीवामृत, घनजीवामृत समेत अन्य खाद तैयार करके बेच सकते है.
प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के तहत संसाधन भंडारण बनाए जाएंगे. इसमें देसी गाय के गोबर, गोमूत्र सहित प्राकृतिक खादों को किसान बेच सकेंगे. इन संसाधन भंडारण के लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. बता दें कि इस योजना से सबसे अधिक लाभ शहरी क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा, क्योंकि किचन गार्डनिंग के लिए उनको सस्ते दामों पर बेहतर प्राकृतिक खाद उपलब्ध हो जाएगी. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी. खास बात ये है कि किसानों को इन खादों के निर्माण में अपनी जेब से पैसा नहीं लगाना पडेगा.
प्राकृतिक खाद एवं दाम
देसी गाय गोमूत्र - आठ रुपये लीटर
देसी गाय का गोबर - पांच रुपये प्रति किलो
जीवामृत खाद - दो रुपये लीटर
बीजामृत - पांच रुपये लीटर
ब्रह्मास्टर - 25 रुपये लीटर
नीम मरहम - छह रुपये किलो
घनजीवामृत खाद - 12 रुपये किलो
अग्निास्टर - 35 रुपये लीटर
सोंथास्टर - तीन रुपये लीटर
दशपर्नी अरक - 35 रुपये लीटर
नीमास्टर - 2.50 रुपये लीटर
जंगल की कंडी - एक रुपये लीटर
खट्टी लस्सी - आठ रुपये लीटर
सप्तध्यानांकुर अरक - चार रुपये लीटर
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