1. Home
  2. ख़बरें

75 रूपये प्रति किलो हरी मिर्च का दाम चाहते है किसान

मिर्च की खेती की लागत में भारी वृद्धि और इसके मूल्य में गिरावट से परेशान किसानों ने सरकार से हरी मिर्च का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) 75 रुपए प्रति किलो निर्धारित करने, इसकी खेती करने वाले राज्यों में कोल्ड स्टोरेज एवं आधारभूत सुविधाओं का विकास करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने की मांग की है।

मिर्च की खेती की लागत में भारी वृद्धि और इसके मूल्य में गिरावट से परेशान किसानों ने सरकार से हरी मिर्च का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) 75 रुपए प्रति किलो निर्धारित करने, इसकी खेती करने वाले राज्यों में कोल्ड स्टोरेज एवं आधारभूत सुविधाओं का विकास करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने की मांग की है। 

फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर्स एसोसिएशन से जुड़े आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात आदि राज्यों के किसानों ने केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मिर्च की खेती करने वाले किसानों के हितों की रक्षा के लिए नीतिगत बदलाव लाने तथा हरी मिर्च का न्यूनतम समर्थन मूल्य 75 रुपए प्रति किलो करने का अनुरोध किया है। भारत मिर्च निर्यात में अगुवा है और विश्व की जरूरतों का लगभग 25 प्रतिशत की आपूॢत करता है जबकि चीन का योगदान 24 प्रतिशत का है। मूल्य में अस्थिरता, निर्यात में कमी, कोल्ड स्टोरेज की कमी तथा सरकार से प्रोत्साहन के अभाव के कारण मिर्च की खेती करनेे वाले किसान तनाव में हैं।

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु तथा कुछ अन्य राज्यों में मिर्च की खेती की जाती है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में खेती योग्य जमीन के करीब 20 प्रतिशत हिस्से में मिर्च की खेती की जाती है और कुल मिर्च उत्पादन में इनका योगदान 55 प्रतिशत का है। पिछले साल किसानों को मिर्च का काफी लाभदायक मूल्य मिला था जिससे उत्साहित किसानों ने इस वर्ष इसकी खेती के क्षेत्र में 45 प्रतिशत की वृद्धि की। पिछले साल मिर्च का मूल्य 140 रुपए प्रति किलोग्राम तक चला गया था जो इस बार गिरकर 35 से 40 रुपए किलो तक पहुंच गया है।

English Summary: Farmers want Rs 75 per kg of green chillies Published on: 28 August 2017, 04:08 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News