रबी सीजन की फसलों की बुवाई हो चुकी है. अब किसानों के अपने खेतों की फसलों की अच्छी गुणवत्ता और अच्छी उपज के लिए खाद की जरुरत है. इन किसानों को अब खेतों में छिड़काव के लिए डीएपी व यूरिया खाद की जरूरत है. ऐसे में खाद की कमी इनके सामने चुनौती बनकर खरी है.
वहीं, ज्यादातर जगहों पर डीएपी खाद की किल्लत है. इस वजह से किसानों को खुले बाजार से 600 रुपये महंगे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है, जो किसानों के लिए घाटे का सौदा है.
इन जिलों में हो रही खाद की कमी
छतीसगढ़ के कई जिलों में जैसे धमतरी, कुरुद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में इस साल 40 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा पर किसान अपने खेतों पर रबी फसल लगा रहे हैं. धमतरी जिले में 54 हजार बोर सिंचाई के कनेक्शन हैं, जो सिंचाई के लिए पर्याप्त है.
15 व 20 दिसंबर 2021 से अंचल में रोपाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिले के कई किसानों के खेतों पर रबी फसल गेहूं लग गई है. पहले से रोपाई कर चुके किसान अब अपने खेतों में खाद का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन कई जरूरतमंद किसानों को इन दिनों सोसाइटियों से डीएपी खाद नहीं मिल रहा है.
क्षेत्र के कुर्रा-बागतराई समेत कई जगहों पर डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है. इसी तरह जिले के अधिकांश सोसाइटियों और मंडियों में डीएसपी खाद ना मिलने से किसान 1800 रुपये क्विंटल पर खुले बाजार से खाद खरीद रहे हैं.
खाद के लिए भटकते किसान
स्थानीय किसानों ने बताया कि उनके क्षेत्र की सोसाइटियों में डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है. वहीं, समय पर खाद नहीं मिलने से किसान खुले बाजार से 600 रुपये अतिरिक्त दाम पर डीएपी खरीद रहे हैं. इससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. किसानों ने शासन से सोसाइटियों में शीघ्र डीएपी खाद उपलब्ध कराने की मांग की है.
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जिला नोडल अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सोसाइटियों में वर्तमान में 706 टन यूरिया, 367 टन सुपर फास्फेट, 271 टन डीएपी है, जो कुछ केन्द्रों में ही उपलब्ध है. अधिकांश केंद्रों में यह खाद की उपलब्धता दर्ज नहीं की गयी है.आपको बता दें 311 टन पोटाश और 52 टन एनपीके खाद उपलब्ध है.
जिला नोडल अधिकारी प्रहलाद पुरी गोस्वामी का कहना है कि कुछ सोसाइटियों में डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है. किसानों की मांग के अनुसार खाद मंगाए गये है, जल्द ही खाद की उपलब्धता हो जाएगी और किसानों को बीच वितरण किया जाएगा.
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