सुप्रीम कोर्ट द्वारा नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने के बाद भी, किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. भीषण ठंड में भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर किसान डटे हुए हैं. आज लोहड़ी का दिन है, ऐसे में किसानों ने लोहड़ी बनाने की बात तो कही है, लेकिन कुछ अलग अंदाज में. दरअसल किसानों ने घोषणा की है कि आज शाम कृषि कानूनों की कॉपियों को जलाकर इस त्यौहार को मनाया जाएगा.
मामला कोर्ट में जाने के बाद भी रैली निकालेंगे किसान
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किसी भी तरह की कमेटी के पास जाने से किसानों ने साफ इंकार कर दिया है. हालांकि उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि गणतंत्र दिवस दे दौरान निकलने वाली ट्रैक्टर रैली में किसी तरह की हिंसा नहीं होगी और कोरोना नियमों का पालन किया जाएगा. सरकार से जारी रहेगी बातचीत हालांकि किसान नेताओं ने कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से बात करने को तो मना किया है, लेकिन सरकार से बातचीत को वो तैयार हैं. अब 15 जनवरी को सरकार के साथ उनकी अगली बैठक होनी है. सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे.
सरकार से जारी रहेगी बातचीत
हालांकि किसान नेताओं ने कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से बात करने को तो मना किया है, लेकिन सरकार से बातचीत को वो तैयार हैं. अब 15 जनवरी को सरकार के साथ उनकी अगली बैठक होनी है. सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे.
गणतंत्र दिवस पर खास तैयारी
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस मुस्तैद है. केंद्र सरकार ने भी साफ कहा है कि "किसान गणतंत्र परेड" की आड़ में किसी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं किसानों ने भी प्रशासन को आश्वासन दिया है कि परेड़ शांति के साथ संपन्न होगी. इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लोगों को अदानी-अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार करने को प्रेरित किया जाएगा.
नवंबर से हो रहा है विरोध
ध्यान रहे कि हरियाणा और पंजाब के किसान नवंबर से ही दिल्ली के बोर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इस आंदोलन का स्वरूप पहले से बड़ा हो गया है और इसमें अन्य राज्यों के किसान भी जुड़ चुके हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि तीनों कानूनों के वापस लिए जाने तक संवैधानिक विरोध किया जाता रहेगा.
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