उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बुरी खबर है. खबर है कि आने वाले सात दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे वहां के किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की संभावना रहेगी. वहीं, वर्तमान में पिछले 48 घंटे से हो रही भारी बारिश से किसानों द्वारा उगाए गए फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा कृषि विभाग ने यह कहकर किसानों की चिंता और बढ़ा दी है कि आने वाले सात दिनों तक मौसम का यही हाल रहने वाला है.
बहरहाल, 48 घंटे की इस बारिश ने किसानों की मेहनत से उगाई गई फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है और आने वाले सात दिनों की स्थिति की कल्पना करते ही किसान भाइयों की चिंता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.
अब ऐसे में किसान भाइयों की सारी स्थिति मौसम के मिजाज पर निर्भर करती है, लेकिन इस बीच किसानों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कृषि विभाग प्रदेश के किसानों के हित में उनकी फसलों व पशुओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इस दिशानिर्देश में साफ बताया गया है कि कैसे हमारे किसान भाई अपनी फसलों को होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं.
फसलों को होने वाले नुकसान
कृषि विभाग ने जारी किए गए अपने दिशानिर्देश में कहा है कि मक्का, बाजार, उड़द, मूंग और सब्जियों के मेड को बीच में से ही काट दे. इससे फसलों के बीच भरने वाले पानी को बाहार निकाल कर फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. वहीं, अब तक की हुई बारिश के कहर से किसानों की फसलों को बहुत ही नुकसान पहुंचा है. ऐसे में किसान भाइयों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है.
इसके साथ ही कृषि विभाग के एक अधिकारी ने भारी बारिश के कहर को ध्यान में रखते हुए किसानों से अपील की है कि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करवाई जाए ताकि खेतों में पानी भरने से रोका जा सकें, क्योंकि आमतौर पर यही देखा जाता है कि किसानों की फसलों कों नुकसान खेतों में पानी भरने की वजह से ही होता है. ऐसी स्थिति में जल निकासी की व्यवस्था किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है.
पशुओं के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश
इस बीच कृषि विभाग ने न महज फसलों के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी किए हैं, बल्कि पशुओं के संदर्भ में भी दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें पशुओं को भारी बारिश के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाने की समस्त जानकारी उपलब्ध करवाई गई है. बहुधा भारी बारिश के दौरान किसानों की सहायता प्रदान करने हेतु इस तरह के दिशानिर्देश कृषि विभाग की तरफ से जारी किए जाते रहे हैं.
अब ऐसे में किसानों का पूरा भविष्य ही मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है. मौसम का मिजाज आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए.. कृषि जागरण.कॉम
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