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इस राज्य के किसानों को आंवला, लहसुन, तिल के निर्यात से मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही फल और सब्जी के बाद आंवला, लहसुन समेत अन्य फसलों का निर्यात भी करेगी. दरअसल उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित वर्ल्ड यूनियन होलसेल मार्केट इंटरनेशनल कांफ्रेंस में पांच देशों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की है.

उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही फल और सब्जी के बाद आंवला, लहसुन समेत अन्य फसलों का निर्यात भी करेगी. दरअसल उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित वर्ल्ड यूनियन होलसेल मार्केट इंटरनेशनल कांफ्रेंस में पांच देशों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की है. उन्होंने प्रदेश में होने वाली फसलों और उनकी गुणवत्ता के बारे में बताते हुए उद्योग लगाने के लिए विदेशी प्रतिनिधमंडल को भी आमंत्रित किया है. इस महत्वपूर्ण कांफ्रेस में चीन, मेक्सिकोस्पेन, इटली, पुर्तगाल के प्रतिनिधिमंडल के सामने आम, चावल, आलू, गेहूं समेत अन्य फसलों का प्रजेंटेशन दिया है. इस दौरान उनको फसल की गुणवत्ता  और पैदावार के बारे में पूरी तरह से जानकारी दी गई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में गन्ना, आलू, गेहूं, दूध का उत्पादन सबसे ज्यादा है. चावल, आम, मिर्ची के बाद अब तिल आंवला, लहसुन का निर्यात किया जाएगा.

खेती में हो रहे रोज नये प्रयोग

आगरा में फूड प्रोसेंसिंग यूनिट पर उन्होंने कहा कि अगर कोई प्राइवेट कंपनी इस कार्य के लिए आगे आती है तो सरकार उसकी मदद करेगी. सरकार किसानों के लिए बीज में सब्सि़डी देने के साथ ही गेहूं, चावल की रिकॉर्ड खरीदारी कर रही है कई फसलों का समर्थन मूल्य भी पहले से जारी किया गया है. शाही ने बताया कि प्रदेश की 100 मंडियों को इंटरनेट से जोड़ा गया है जिसकी सहायता से किसान आसानी से घर बैठे जानकारी को प्राप्त कर सकते है. मंडी परिषद के निदेशक रामाकांत पांडे ने कहा कि जापान, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इटली, यूरोप, दुबई, लंदन, फल-सब्जी और चावल का निर्यात होता है. अब अन्य देशों में इनका निर्यात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.  विशिष्ट अतिथि प्रमुख सचिव कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के व्यापार नीति की जानकारी दी.

बीज से धान उगाने पर चल रहा प्रयोग

चावल उद्यमी अनिल मित्तल ने बताया कि धान की पौध का री-प्लांट के साथ बीज से इसकी पैदावार करने पर प्रयोग चल रहा है. इसके अलावा धान की खेती में पानी की उपयोगिता कम करने और इसकी फसल को 90 से कम दिन में तैयार करने पर विज्ञानी लगे हुए हैं.  दरअसल ऐसा होने से किसान को बचत होगी और कम समय पर ज्यादा पैदावार हो सकेगी.

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: Farmers of this state can get great good news from the export of amla, garlic and sesame seeds. Published on: 17 October 2018, 03:32 PM IST

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