महाराष्ट्र किसानों का रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। अब यह आंदोलन 40 हजार किसानों की संख्या के साथ मुंबई तक जा पहुँचा है। ऑल इंडिया किसान सभा का यह मार्च भाजपा सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अब विधानसभा का घेराव करना चाहते हैं। हालांकि सिंचाईं मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वासन दिया गया लेकिन इसके बावजूद वह प्रदर्शन खत्म करने की माँग से पीछे नहीं हट रहें हैं। तो वहीं विपक्ष भी अब सरकार को घेरने के मद्देनज़र इनके साथ हो चला है जहाँ एक ओर शिवसेना समर्थन की बात कही है तो कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को इन किसानों को मांग पर विचार कर मान लेना चाहिए। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी किसानों की हाँ में हाँ मिलाते हुए किसानों का पक्ष ले रहें हैं।
आप को बताते चलें कि यह किसान 6 मार्च को नासिक से रवाना हुए थे जिनका नेतृत्व माकपा की किसान मोर्चा द्वारा किया जा रहा है। इस किसान रैली को लगातार किसानों ने समर्थन दिया जिसके फलस्वरूप प्रदर्शन एक विशाल रूप ले रहा है। जानकारी के मुताबिक यह किसानों का दल विधानसभा का घेराव करेगा। बताते चलें कि इनकी मांगों मे प्रमुख रूप से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, मुआवजा व खाद्दान्न का डेढ़ गुना मूल्य आदि शामिल हैं। सरकार द्वारा भी इन सभी पहलुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन अभी प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ मोर्चे पर अडिग हैं।
क्या हैं किसानों की मांगें
-कृषि उपज की लागत मूल्य के अलावा 50 प्रतिशत लाभ दिया जाए।
-सभी किसानों के कर्ज माफ किए जाएं ।
-नदी जोड़ योजना के तहत महाराष्ट्र के किसानों को पानी दिया जाए।
-वन्य जमीन पर पीढ़ियों से खेती करते आ रहे किसानों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाए।
-संजय गांधी निराधार योजना का लाभ किसानों को दिया जाए।
-सहायता राशि 600 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह की जाए।
-स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।
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