भारत में बड़े पैमाने में खेती की जाती है. देश की आधी से अधिक आबादी कृषि पर ही निर्भर है. जब से कृषि का विकास हुआ है, तब से लेकर अब तक खेती में कई परिवर्तन हुए हैं. जैसे- जैसे वक्त बदलता गया कृषि उपकरणों से लेकर खेती के तरीकों तक सब बदल गए. फिर आई हरित क्रांति जब खेती में कई प्रकार के परिवर्तन किए गए.
अच्छे उत्पादन के लिए खाद, हाइब्रिड बीज, कीटनाशकों, खरपतवारनाशी व रसायनिक उर्वरकों की मांग काफी अधिक बढ़ गई, जिसके बाद से इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने में किया जा रहा है. केमिकल खाद व उर्वरकों के उपयोग से भले ही फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ती है, मगर इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती जाती है. लेकिन अब देश के अधिकतर किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के जैविक खेती करने वाले किसानों को 1 लाख रुपए की इनाम राशि देने का ऐलान किया है. क्योंकि बीते कुछ वक्त से राज्य के किसान जैविक खेती की ओर अपनी रुचि दिखा रहे हैं.
जैविक खेती के लिए अवॉर्ड
सूत्रों की मानें तो राजस्थान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरे राज्य से तीन बेहतरीन किसानों को 1-1 लाख रुपए की राशि इनाम के तौर पर दी जाएगी. अधिकारियों की मानें तो राज्य के किसान जो बीते 5 सालों से बागवानी फसलों का उत्पादन जैविक रुप से कर रहे हैं तथा 2 साल से लगातार जैविक प्रमाणीकरण करवा रहे हैं, उन्हें पुरस्कार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.
जैविक खेती अवॉर्ड के लिए योग्यता
जैविक खेती अवॉर्ड पाने के लिए किसानों के चयन का मापदंड निर्धारित किया गया है, जिसके आधार पर किसान को जैविक खेती अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.
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जैविक खेती अवॉर्ड पाने के लिए पहला मापदंड यह है कि, किसान ने अपने खेत में जैविक खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट की इकाई विस्थापित की हो.
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अपने अच्छे फसल उत्पादन के लिए हरी खाद, जैविक उर्वरकों, उचित फसल चक्र का इस्तेमाल करते हों.
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जैविक खेती के लिए नई- नई तकनीक का इस्तेमाल किया हो.
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जैविक खेती करने वाले किसान का जैविक प्रमाणीकरण राजकीय-निजी संस्था से प्रमाणित होना आवश्यक है.
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10 दिसंबर आवेदन की अंतिम तिथि
जैविक खेती अवॉर्ड पाने के लिए किसानों को जैविक खेती के पूरे विवरण का विडियो व फोटो बनाकर आवेदन फॉर्म के संलग्न करना होगा.
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