उत्तर प्रदेश के इटावा में अच्छी खबर यह है कि यहां किसानों को अपनी फसलों का मुआवज़ा मिलना शुरू हो चुका है. आपको बता दें कि पिछले साल यहां के किसान बाढ़ से प्रभावित हुए थे. किसानों की फसलें सितंबर और अक्टूबर के बीच आयी बाढ़ की वजह से बर्बाद हो गयी थीं. यहां यमुना और चंबल नदी की बाढ़ से सदर और चकनगर तहसील के कई गांव बाढ़ की चपेट में आये थे. ऐसे में किसानों की बर्बाद हुई फसल का मुआवज़ा देने की बात कही गयी थी.
रिपोर्ट्स की मानें तो आपदा से प्रभावित 20 किसानों के बैंक खातों में मुआवज़े का पैसा भेज दिया गया है. वहीं बाकी किसानों को पैसा मिलना अभी बाकी है. तहसील में एक सर्वे किया गया था. इस सर्वे की आयी रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रबंधन ने शासन से 1 करोड़ 26 लाख 61 हजार रुपये की मांग की थी. वहीं इसके बाद शासन ने बाढ़ प्रभावित जिले को 1 करोड़ 40 लाख 73 हजार रुपये मुआवज़ा के रूप में उपलब्ध कराए. इस तरह मुआवज़े की रकम ज़्यादा ही उपलब्ध कराई गयी. अब कहा यह जा रहा है कि बची हुई राशि वापस शासन को लौटा दी जाएगी. आपदा प्रबंधन कार्यालय को भेजी गयी रिपोर्ट की बात करें तो इसके मुताबिक 12 हज़ार से भी ज़्यादा किसानों की फसल खराब हुई थी.
आपदा कार्यालय में किसानों के नाम खाता नंबर और मुआवजे की धनराशि के साथ की डीटेल दर्ज की जा रही है. कार्यालय में किसान संबंधित पूरा ब्योरा दिए जाने का काम शुरू हो चुका है. क्षेत्र के एडीएम ने यह जानकारी दी है कि किसानों का मुआवज़ा उनके खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही राशि किसानों तक पहुंच जाएगी.
20 मार्च तक किसान मुआवज़ा न मिलने की शिकायत करा सकते हैं दर्ज
वहीं अगर किसी किसान को उसका मुआवज़ा नहीं मिला है तो वह 20 मार्च तक इसकी शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके लिए किसान अपनी तहसील के तहसीलदार से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही किसान एसडीएम से भी मिल सकते हैं. कहा जा रहा है कि 31 मार्च तक ही किसानों तक मुआवज़े की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी जबकि उसके बाद, 1 अप्रैल को बची राशि शासन को वापस लौटा दी जाएगी.
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