जब किसान धान की कटाई करने के बाद खेतों में फसल अवशेष बच जाते हैं, जिसे पराली भी कहा जाता है. खेतों में बने इन फसल अवशेष से कई तरह की समस्याएं होती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) का उपयोग हो रहा है, ताकि फसल अवशेष को खेतों में ना जलाकर खाद आदि में बदला जा सके.
इसके लिए हरियाणा सरकार एक अहम योजना चला रही है, जिसके तहत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) खरीदने वाले किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाती है. इस योजना से जुड़ी एक अहम जानकारी यह है कि अब पराली नियंत्रण कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) खरीदने वाले किसानों के लिए उनके खरीद-बिल विभागीय पोर्टल www.agriharyanacrm.com पर अपलोड करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है.
खरीद-बिल अपलोड करने की अंतिम तिथि (Last date for uploading purchase bill)
आपको बता दें कि पराली नियंत्रण कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) के खरीद-बिल विभागीय पोर्टल पर 2 नवंबर 2021 तक अपलोड कर सकते हैं. पहले यह तिथि 9 अक्टूबर 2021 तक की थी. बता दें कि केंद्र सरकार की ‘इन-सीटू क्रॉप रेजीड्यू मैनेजमैन्ट स्कीम’ के तहत पराली मैनेजमेंट के लिए कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी (Agricultural Machinery Subsidy) प्रदान की जाती है. इस बारे में जानकारी मिली है कि राज्य के सिरसा जिले को छोड़कर बाकी सभी जिलों के किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. मगर वही इस योजना का लाभ ले सकते हैं, जिन्होंने विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 25 सितंबर 2021 तक जमा करवा दिए हैं.
सहायता के लिए टोल फ्री नंबर (Toll free number for assistance)
इस योजना की विस्तृत जानकारी के लिए सम्बन्धित उप कृषि निदेशक/ सहायक कृषि अभियन्ता के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए टोल फ्री नंबर 18001802117/0172-2521900 पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा विभागीय वेबसाईट www.agriharyana.gov.in पर जाकर विजिट कर सकते हैं. उपलब्ध है.
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हर खेत- स्वस्थ खेत मोबाइल ऐप लांच (Har Khet - Healthy Khet mobile app launched)
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा हर खेत- स्वस्थ खेत मोबाइल ऐप (Mobile app) भी लॉन्च किया गया है. इसके अलावा मिट्टी का नमूना एकत्रित करने की विधि सिखाने वाली पुस्तक का भी विमोचन किया. बता दें कि इस ऐप के जरिए किसान-सहायक को मिट्टी का नमूना (Soil sample) लेने में सहायता मिल पाएगी. इससे किला नंबर, खसरा नंबर की जानकारी लेने में आसानी होगी.
इसके अलावा जिस खेत से मिट्टी का नमूना होगा, उसकी सारी जानकारी इस ऐप भरी जाएगी. इससे किसानों को उनकी मिट्टी के रसायनों की सटीक सूचना मिल पाएगी. इस योजना के तहत पहले चरण में वित्त वर्ष 2021-22 में 49 ब्लॉकों के लिए मिट्टी के 25 लाख नमूने लेकर परीक्षण का लक्ष्य तय किया गया है. इस अभियान पर लगभग 68.73 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
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