एलोवेरा एक ऐसा गुणकारी पौधा है, जिसके अनेकों लाभ हैं. इसके पत्तों में एक प्रकार का जेल होता है, जिससे त्वचा से लेकर स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार के विकारों को सही किया जा सकता है. जलने-कटने और किसी तरह की खरोंच आदि पर इस जेल का इस्तेमाल आप आसानी से कर सकते हैं. इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई होगी. यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पायी जाती, पर इसके निकट संबंधी अलो उत्तरी अफ्रीका में पाये जाते हैं.
भारतीय किसानों के बीच में पारम्परिक रूप से की जाने वाली खेती का चलन ज्यादा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में किसान पहले से ज्यादा जागरूक हो रहे हैं. कोरोना महामारी में तंगी झेल चुके किसानों ने कम समय में अधिक उपज और फ़ायदा देने वाली फसलों का चुनाव करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि उन्होंने मुनाफे वाली फसलों की खेती की तरफ अपना रूख किया है. आपको बता दें कि रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नगरी प्रखंड का देवरी गांव आज-कल एलोवेरा विलेज के नाम से काफी मशहूर हो रहा है.
यहां किसान बड़े पैमाने पर एलोवेरा की खेती में अपना किस्मत आजमा रहे हैं. किसानों द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस गांव का जिक्र अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में भी किया था.
40 परिवारों तक पहुंच चुका है एलोवेरा की खेती का राज
गांव की मुखिया मंजू कश्यप ने बताया कि साल 2018 में कई ग्रामीणों ने एलोवेरा खेती की ट्रेनिंग लेकर इसकी खेती शुरू की थी. हर्बल बाजार मे एलोवेरा प्रोडक्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए कई और किसान भी इसकी खेती से जुड़ गए हैं. फिलहाल, गांव के लगभग 40 परिवार ऐसे हैं जो इसे व्यवसाय के रूप मे अपना चुके हैं.
एलोवेरा की खास बात यह है कि उसके एक पौधे से कई पत्तियां निकलती है. इसकी खेती में जगह और लगत दोनों ही काम लगता है. वहीं बाज़ार में इन पत्तियों की अच्छी-खासी कीमत मिल भी जाती है. यही कारण है दूसरे गांवों केकिसान भी अब एलोवेरा की खेती की ओर रूख कर रहे हैं. दरअसल कोरोना महामारी में सैनिटाइजर और ख़ास तौर पर केमिकल रहित यानि एलोवेरा सैनिटाइजर और हर्बल प्रोडक्ट की मांग काफी बढ़ गयी थी.
लोग हर्बल प्रोडक्ट और हर्बल कॉस्मेटिक का इस्तेमाल ख़ासतौर पर अधिक कर रहे थे. समय की अभाव की वजह से त्वचा का ख्याल नहीं रख पाने वाले लोगों ने लॉकडाउन में जम कर एलोवेरा जेल, फेस पैक, और एलोवेरा शैम्पू का इस्तेमाल किया. जिसको लेकर बाजार में एलोवेरा की मांग दुगुनी से भी ज्यादा हो गयी. जिससे किसानों ने आपदा को अवसर में तब्दील कर दिया,और अपने साथ-साथ औरों को भी एलोवेरा की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया.
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